बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। स्वास्थ्य विभाग में किराए पर लगाए जाने वाले वाहनों के मामले में तमाम तरह के आरोप-प्रत्यारोप चर्चाओं के दौरान सामने आ रहे है। इनकी वास्तविकता क्या है यह तभी प्रमाणित हो पाएगी, जब इन वाहनों के संचालन और भुगतान को लेकर नियम और प्रक्रिया से उच्च स्तरीय जांच कराई जाए? जिस तरह की बाते सामने आ रही है उनको देखते हुए पुष्पेन्द्र बाबू की भी नैतिक जिम्मेदारी है कि वे अपना पक्ष रखने सामने आए। (यदि वे अपना पक्ष प्रस्तुत करते है तो राष्ट्रीय दिव्य दुनिया उसे भी प्रमुखता के साथ प्रकाशित करेगा।) चूंकि पूरे मामले में जो तथ्य सार्वजनिक हो रहे है, उनकी पड़ताल को लेकर भी स्वास्थ्य विभाग में सीएमएचओ जैसे जिम्मेदार अधिकारी को भी अपनी तरफ से पहल करनी चाहिए। खैर अब चर्चाओं में कहा जा रहा है कि पुष्पेन्द्र बाबू् के कार्यकाल की विधिवत जांच कराए जाए तो वर्ष 2012 से 2015 तक जब वे जिला लेखा प्रबंधक के प्रभार पर थे तो जिन तीन गाडिय़ों को ऑफिस में चलाया जा रहा था, उनके भुगतान आदि की जांच होना चाहिए? बताया जा रहा है कि इसमें से एक वाहन तात्कालिन सीएमएचओ वास्कले और दूसरा वाहन बीआईओ पाटिल मेडम के पास चल रहे थे। यह वाहन क्रमांक एमपी-48-टी-0333 और वाहन क्रमांक एमपी-48-टी-0765 किस व्यक्ति के नाम पर रजिस्टर्ड है और इनका भुगतान किनके खाते में किया गया है, यह जांच का गंभीर विषय माना जा रहा है? इस तीन वर्ष की अवधि में क्या पुष्पेन्द्र बाबू के रिश्तेदारों के खातों में भी कोई भुगतान हुआ है? यदि नहीं तो फिर इस तरह के आरोप और चर्चाए क्यों गर्म है? चूंकि पुष्पेन्द्र बाबू स्वयं आकर अपना पक्ष नहीं रख रहे है इसलिए इस तरह के आरोपों को बल मिल रहा है। लोग तो दावा करते है कि इस अवधि में लाखों रूपए का भुगतान हुआ और इन तीन वाहनों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष पुष्पेन्द्र बाबू का कोई ना कोई कनेक्शन हो सकता है। इसलिए बेहतर यह है कि पुष्पेन्द्र बाबू सहित स्वास्थ्य विभाग की इमेज को साफ सुथरा रखने के लिए उच्च स्तरीय जांच कराई जाए?

- इनका कहना...
जो तथ्य आपके सामने आ रहे है उनको लेकर आप विस्तृत और बिंदुवार जानकारी मुझे उपलब्ध कराए। मैं इसकी हर स्तर पर जांच कराउंगा। 
- अक्षत जैन, सीईओ
 जिला पंचायत, बैतूल ।