बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल शहर में 5 नाले है जो हाथी नाले के नाम से जाने जाते है। यह सभी नाले जाकर माचना नदी में मिलते है। इन नालों की जो स्थिति है वह घरों के सीवेज वॉटर के वाहक के रूप में बन गई है। हाथी नाले का पानी भयानक स्तर पर प्रदूषित हो चुका है। पिछले दस वर्ष में नगरपालिका ने इस प्रदूषण को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोटिस दिया और फिर नगरपालिका से पांच लाख रूपए प्रतिमाह का जुर्माना लगा दिया। साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल में मामला भी दर्ज कराया। यह स्थिति अकेले बैतूल नगरपालिका की नहीं है। नालों और नदियों को प्रदूषित होने से रोकने में नाकाम होने वाले जिले के सभी दस नगरीय निकाय में इसी तरह की कार्रवाई की गई है। विगत तीन वर्ष से सभी नगरीय निकाय पर 5 लाख रूपए प्रतिमाह के हिसाब से जुर्माना लगाया जा रहा है। हालांकि अभी किसी भी निकाय में यह जुर्माना जमा नहीं किया है।  प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अब इस जुर्माने की वसूली के लिए भी इन निकायों को कोर्ट में ले जाने की तैयारी में है। इतना सब होने पर भी निकाय कुंभकरणीय नींद में है। 

- पीसीबी ने नदी-नालों के प्रदूषण को लेकर जिला प्रशासन को दी रिपोर्ट...
बैतूल जिले में प्रमुख नदियों और नालों की क्या स्थिति है उनमें किस स्तर का प्रदूषण है। इसको लेकर जल गंगा संवर्धन अभियान में पीसीबी ने जिला प्रशासन को भी लैब रिपोर्ट के साथ एक विस्तृत रिपोर्ट पेश की है। जिसमें प्रदूषण के कंटेंट की मात्रा की भी जानकारी दी गई है।

- इनका कहना....
सभी नगरीय निकाय के खिलाफ हमारे द्वारा एनजीटी में केस दर्ज कराया गया है। साथ ही इन पर प्रतिमाह 5 लाख रूपए का जुर्माना अधिरोपित किया है। विगत 3 वर्ष की राशि वसूल करने के लिए आरआरसी जारी कर कोर्ट जाएंगे। 
केएन कटारे, क्षेत्रीय अधिकारी, पीसीबी छिंदवाड़ा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 20 मई 2025