(बैतूल) अवैध कालोनी ग्रीन वैली के मामले में एसडीएम को रेरा को भी कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन भेजना चाहिए ? , - कालोनाईजर के पास कोई भी लीगल अनुमतियाँ ना होने पर एफआईआर दर्ज कराना चाहिए?

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। भारत भारती की ग्रीन वैली कालोनी अवैध है यह तो प्रशासनिक अधिकारी भी मान रहे है और कहते भी है कि कार्रवाई होगी! लेकिन कार्रवाई को लेकर जो तरीका बता रहे है वह तरीका इसके पहले किसी अन्य अवैध कालोनी में नहीं अपनाया गया? जब यह सुनिश्चित है कि उक्त कालोनाईजर के पास कालोनी को लेकर कोई भी लीगल दस्तावेज नहीं है तो फिर उसके खिलाफ एफआईआर जैसी कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही? इस तरह की स्थिति को देखकर प्रशासनिक हल्के में ही चर्चा है कि कालोनाईजर ने सबका मुंह बंद कर दिया है! अब कैसे मुंह बंद किया है यही रिसर्च का विषय है? जो जानकार है उनका कहना है कि प्रथम दृष्टया इस कालोनाईजर पर एफआईआर दर्ज होना चाहिए? वजह यह है कि इसके द्वारा बिना नागरिक सुविधाओं और लीगल अनुमति के कालोनी का निर्माण किया गया और लोगों को प्लॉट भी बेच दिए गए, यह सीधे-सीधे धोखाधड़ी है? बताया जा रहा है कि इस कालोनी में कोई संजय साहू नामक डेव्हलपर है जो पूरा मैनेजमेंट देख रहा है और उसके द्वारा ही एसडीएम के कालोनी में पहुंचने के बाद तमाम मैनेजमेंट किया गया है? इसी मैनेजमेंट का नतीजा है कि अब इस कालोनी के मामले को ठंडे बस्ते की ओर भेजा रहा है?
- रेरा तो दूर टीएनएसपी तक नहीं...
जो भारत भारती की यह अवैध कालोनी ग्रीन वैली है, इसको लेकर अधिकारी ही बता रहे है कि इसके पास टीएनसीपी और ग्रामीण क्षेत्र के लिए अनिवार्य एसडीएम की विकास की अनुज्ञा नहीं है? जब इसके पास यह नहीं है तो स्वाभाविक है कि रेरा तो होगा ही नहीं! अब इस कालोनाईजर ने जब बिना रेरा के अवैध कालोनी बनाकर प्लॉट बेचे है तो ऐसे में एसडीएम की जिम्मेदार है कि वह रेरा को भी इस कालोनाईजर पर एक्शन के लिए प्रतिवेदन भेजे? यदि ऐसा नहीं किया जा रहा है तो स्पष्ट है कि उक्त कालोनाईजर के प्रति कहीं न कहीं साफ्ट कार्नर है?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 26 मई 2025