प्रकृति का सम्पूर्ण संरक्षण है गौधन महासंघ का मुख्य लक्ष्य - विजय खुराना

- शमशान स्थलों पर गोबर से बनी लकड़ी के उपयोग से 5 करोड़ वृक्ष कटने से बचे
- गौरक्षा से ही विश्व की रक्षा होगी। गौधन समिट के पीछे ईश्वरीय शक्ति निहित - स्वामी कृष्णानन्द
गौमाता पर संकट एक बड़ा राष्ट्रीय संकट है। भारत को संकटमुक्त करने हेतु गौमाता को संकटमुक्त करना होगा -जस्टिस शंभुनाथ श्रीवास्तव
हौज खास कार्यालय में पहुंचे सन्त और न्यायाधीश समेत अनेक बुद्धिजीवी और गौभक्त
गौशालाओं, गौपालकों एवं गौभक्तों का इतना बड़ा सम्मेलन कभी नहीं हुआ - सुनीता दुग्गल
*अनेकानेक गौउत्पादों के विविध उत्पादक भी राजधानी में एकत्र होंगे*
गौमाता को राष्ट्रमाता की मान्यता दिलाने को राष्ट्र के समर्थ व्यक्ति और संस्थाएं आगे आए - राम महेश मिश्र
*राष्ट्रीय गौधन समिट की तैयारियों पर हुई चर्चा*
नई दिल्ली, 3 जून। प्रकृति का सम्पूर्ण संरक्षण हमारा मुख्य लक्ष्य है। गौमाता इस लक्ष्य की पूर्ति में सहायक होगी। देशी गोवंश से हम देश की अर्थव्यवस्था को चरम सुधार की ओर बढ़ा सकते हैं।
यह बात राष्ट्रीय गौधन महासंघ के मुख्य संयोजक विजय खुराना ने आज हौज खास मार्केट स्थित महासंघ कार्यालय में बैठक के दौरान कही। वह राजधानी दिल्ली तथा पड़ोसी राज्यों से आए गौशाला संचालकों एवं कार्यक्रम व्यवस्थापकों को संबोधित कर रहे थे। आगामी 5 से 10 नवंबर की तिथियों में मेजर ध्यान चन्द्र स्टेडियम में आहूत राष्ट्रीय गौधन समिट 2025 की तैयारियों की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने कहा कि गोधन महासंघ के प्रयासों से गौशालाओं की संख्या 9000 से 22000 हो जाने पर हमें बेहद हर्ष है। उन्होंने बताया कि गोबर से लकड़ी बनाने के काम को तीव्र गति दी गई है। यह लकड़ी विशेष रूप से शमशान स्थलों पर अंत्येष्टि यज्ञ संस्कार में उपयोग में लाई जा रही है। उन्होंने कहा कि इतने छोटे से प्रयास से देश में 5 करोड़ वृक्ष कटने से बचे हैं। इस अभियान को देशव्यापी बना दिया जाए तो प्रकृति एवं पर्यावरण के संरक्षण में भारी सहायता मिलेगी।
छत्तीसगढ़ के पूर्व प्रमुख लोकायुक्त न्यायमूर्ति शम्भु नाथ श्रीवास्तव ने कहा कि गौमाता पर संकट एक बड़ा राष्ट्रीय संकट है। भारत को संकट मुक्त बनाने के लिए हमें गौमाता को संकट मुक्त बनाना होगा। उन्होंने गौवंश को देश के मंदिरों से जोड़ने की बात कही। कहा कि देशी नस्ल की गाय राष्ट्र के हर किसान, हर ग्रामवासी तथा हर समर्थ व्यक्ति के खूंटे तक पहुंचे बिना गोरक्षा सम्भव नहीं है। हरियाणा से पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय गौधन समिट 2025 की संयोजक सुनीता दुग्गल ने कहा कि गौशालाओं, गौपालको एवं गौभक्तों का जितना बड़ा सम्मेलन 5 से 10 नवंबर में आहूत किया गया है, उतना बड़ा कार्यक्रम राजधानी दिल्ली में कभी नहीं हुआ है। उन्होंने बताया कि गौद्रव्यों से विभिन्न उत्पाद बनाने वाली बहुत सारी संस्थाओं के संचालक भी इस कार्यक्रम में दिल्ली आएंगे और उनके स्टाल भी वहां लगाए जाएंगे। सभी उत्पादनकर्ताओं के परस्पर सम्मिलन से गौशालाओं को आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के अभियान को गति मिल सकेगी। पंजाब से आए स्वामी कृष्णानंद ने कहा कि गोवंश की रक्षा से ही भारत की रक्षा होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय गौधन समिट के इस अभियान के पीछे ईश्वरीय शक्ति निहित है।
राष्ट्रीय गौधन महासंघ के मुख्य प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी तथा भाग्योदय फाउंडेशन के अध्यक्ष राम महेश मिश्र ने बताया कि देश के सभी राज्यों में क्रियाशील गौशालाओं एवं गौपालकों तक नवंबर के कार्यक्रम का निमंत्रण पहुंचने के लिए राज्यवार कमेटियों का गठन किया गया है। इन कमेटियों के माध्यम से सभी गौशालाओं को निमंत्रण भेजा जा रहा है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि नवंबर समिट के जरिए देश की समस्त गौशालाओं को एक मजबूत छतरी मिल सकेगी तथा गौशालाओं को और सशक्त बनाने हेतु केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकारों का समुचित सहयोग भी प्राप्त किया जा सकेगा। हरियाणा गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरण यादव ने प्रान्त की प्रगति बताई। भाग्योदय फाउंडेशन के न्यासी सुसज्जित कुमार ने बृज क्षेत्र वृंदावन में किए जा रहे प्रयोगों की चर्चा की। बैठक में दिल्ली राज्य में गौसेवा आयोग की स्थापना हेतु मुख्यमंत्री से अनुरोध करने का प्रस्ताव भी किया गया।
आज मुख्य कार्यालय हौजखास में सम्पन्न बैठक में हरियाणा गौसेवा आयोग के उपाध्यक्ष पूरण यादव, संकल्प सिविल सेवा संस्था के प्रमुख सन्तोष तनेजा, भाग्योदय फाउंडेशन के उपाध्यक्ष विनय प्रकाश श्रीवास्तव, प्रतापगढ़ फॉर्म प्रमुख प्रदीप सिंह फोगाट, वेलफेयर सोसाइटी अलवर के रमेश आहूजा, दौलत राम नरुला, मीना शर्मा, कपिल मलिक, सुरेखा बांगिया, राशी जैन, डा. अनुराग सक्सेना मीनाश्री अग्रवाल उपस्थित रहे। आज की बैठक में दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा एवं झारखंड के प्रतिनिधियों ने भागीदारी की।