बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।  जिले में हर वर्ष की तरह इस बार भी किसानों के खेत में जल जीवन मिशन की नलजल योजनाओं में और विभिन्न कालोनियों में जो विद्युतीकरण के काम किए गए है वे सब जांच के दायरे में आते है? जो विद्युतीकरण के काम को जानते-समझते है, उनका कहना है कि यह सबसे बड़ा घोटाला है, लेकिन तकनीकी ज्ञान ना होने के कारण इस तरह के घटिया और स्टीमेट के विपरित निर्माण के मामलों का खुलासा नहीं हो पाता है। जानकार बताते है कि ठेकेदार थोक में काम लेते है और यह काम बाद में पेटी कांट्रेक्टर के हवाले कर देते है? ऐसे पेटी कांट्रेक्टर तक को काम दे दिया जाता है जिसके पास ना तकनीकी ज्ञान होता है और ना ही खास अनुभव होता है? सबसे बड़ी बात यह है कि इस तरह के पेटी कांट्रेक्टर के पास विद्युत कंपनी में काम के लिए विधिवत लाईसेंस भी नहीं होता है? विद्युत वितरण कंपनी के अधिकारी यह सब जानते है लेकिन इसके बाद भी वे आंखे बंद रखते है। इसलिए अधिकांश काम स्टीमेट के विपरित और दोयम दर्जे का माना जाता है।

- केस स्टडी: 01-  सांगवानी में स्टीमेट के विपरित विद्युतीकरण...
शाहपुर वितरण केन्द्र अंतर्गत ग्राम सांगवानी में जल जीवन मिशन के तहत जो विद्युतीकरण किया गया था उसमें आरोप है कि जितना विद्युतीकरण हुआ उससे अधिक का स्टीमेट था। यहां स्टीमेट पर पुरानी विद्युत लाईन का उपयोग कर लाईन टेप कर दी गई। कंडक्टर चैनल, वी क्रास, इंस्यूलेटर घटिया स्तर के है और प्राक्कलन के अनुसार नहीं है। इसमें एक ट्यूबवेल के विद्युतीकरण में 11 केव्ही लाईन का 1.19 किलोमीटर का प्रावधान था। जबकि मौके पर 0.7 किलोमीटर ही किया गया।

- केस स्टडी: 02-  रैय्यतवाड़ी, डडारीमाल में हुआ झोलझाल...
इधर ग्राम पंचायत खपरिया के रैय्यतवाड़ी डडारीमाल में भी प्राक्कलन के विपरित काम हुआ है। जितने का स्टीमेट था उससे आधे में काम हुआ है। बताया गया कि विद्युतीकरण कार्य में 11 केव्ही लाईन का एक पोल टूटकर गिर भी गया, जिसका कार्य भी पूरा नहीं हुआ था। वहीं ठेकेदार ने क्रास चैनल, वी क्रास, इंस्यूलेटर, ट्रांसफार्मर बाक्स, स्टेट तार एवं कंडक्टर घटिया स्तर के लगाए है जो प्राक्कलन के अनुसार नहीं है? जबकि विद्युत कंपनी ने सुपर विजन का तगड़ा चार्ज लिया।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जून 2025