बैतूल(हेडलाइन)। यदि मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो फिर संसाधनों का अभाव आड़े नहीं आता है। जुनून के चलते व्यक्ति कबाड़ से भी जुगाड़ कर ऐसी उपयोगी सामग्री का निर्माण कर देता है जो कि बरबस ही चर्चा का विषय बन जाता है। ऐसी ही एक सामग्री वेस्ट से डस्टबिन  नगर पालिका की नपा अध्यक्ष श्रीमती पार्वती बाई बारस्कर एवं सीएमओ सतीष मटसेनिया के मार्गदर्शन में नपा की पहली महिला ब्रांड एम्बेसेडर श्रीमती नेहा गर्ग और उनकी टीम ने बनाई है जिसकी शहरवासियों द्वारा मुक्त कण्ठ से प्रशंसा की जा रही हैं। वहीं इस डस्टबिन का उपयोग भी लोगों ने शुरू कर दिया है। डस्टबिन को नेहरू पार्क के पास लगाया गया है जो कि राहगीरों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। 
*डस्टबिन में किया इन सामग्री का उपयोग*
ब्रांड एम्बेसेडर श्रीमती नेहा गर्ग ने बताया कि इस डस्टबिन को बनाने के लिए लगभग २०० किलो सामग्री का उपयोग किया गया है जिनमें अधिकांश वस्तु कबाड़ की है। इनमें पुरानी प्लेटे, टूटे हुए तसले, चप्पलें, जाली, टूटे खिलौने, डब्बे, ढक्कन सहित प्लाई लगाई गई है। इन्हीं सब सामग्री को एकत्र कर श्रीमती नेहा गर्ग और उनकी टीम में शामिल श्रेणिक जैन, उमा सोनी एवं कंचन यादव ने मिलकर डस्टबिन का निर्माण किया है जो कि शानदार दिखाई दे रही है। 
*ऐसे शुरू हुआ था कबाड़ का उपयोग*
बैतूल नगर पालिका ने स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर शहर को स्वच्छ बनाने के साथ-साथ सुंदर बनाने के लिए कबाड़ के उपयोग से विभिन्न आकर्षक कलाकृतियों के निर्माण करवाई थी। इसी नवाचार के अंतर्गत नगर पालिका की ब्रांड एम्बेसेडर श्रीमती नेहा गर्ग और उनकी टीम के सदस्यों द्वारा अथक मेहनत करते हुए कबाड़ से जुगाड़ करते हुए पूर्व में चिडिय़ा, बिच्छू, मछली, मोर, गिटार, हाथी, गाय, कछुआ, शेर, ईगल के साथ कुछ दिनों पहले ही हवाई जहाज भी निर्माण किया था जिसे लाल बहादुर शास्त्री स्टेडियम चौराहे के समीप सर्किट हाऊस के सामने लगाया गया है। 
*पीएम के विजन पर काम कर रही नपा*
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता मिशन को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने स्वच्छ भारत अर्बन मिशन बनाया था। बैतूल नगर पालिका परिषद भी इसी मिशन के परिपालन में शहरीकरण की चुनौतियों को प्रभावी ढंग से निपटने का प्रयास कर रही है। नगर पालिका परिषद के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ स्वच्छता निरीक्षक संतोष धनेलिया एवं राजेश सोनी तथा नगर पालिका की पूरी टीम भी इस लक्ष्य को ध्यान में रखकर वेस्ट टू वेल्थ की अवधारणा पर काम कर रहा है।