(बैतूल) व्यापारियों और हम्मालों के दबदबे के सामने किसान सिर्फ हंगामा कर मीडिया की हेडलाईन बन सकते है , - कृषि उपज मंडी बैतूल की समस्याओं का नहीं निकलता कभी कोई ठोस हल

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बडोरा कृषि उपज मंडी में एक बार फिर किसानों की परेशानी सामने आई है। शेड में व्यापारियों द्वारा खरीदा गया माल महीनों तक रखा जाता है, जिससे किसान अपना ताजा अनाज खुले मैदान में रखने को मजबूर हैं। मंगलवार को मंडी में पहुंचे ग्राम सोहागपुर के किसान कमल वर्मा समेत कई किसानों को जब शेड में जगह नहीं मिली, तो उन्होंने अपना गेहूं और सोयाबीन खुले में उतार दिया।
जब बोली की प्रक्रिया शुरू हुई तो मंडी शेड में रखे अनाज की ही बोली लगी, लेकिन खुले में रखे किसान के अनाज की अनदेखी कर दी गई। किसानों ने जब मंडी सचिव से शिकायत की, तो उन्हें रात तक इंतजार करने की बात कह दी गई। इससे आक्रोशित किसानों ने मंडी गेट पर ताला लगाकर विरोध जताया और तत्काल बोली लगाए जाने की मांग की।
- व्यापारियों का कब्जा बनी समस्या की जड़...
मंडी में बने शेड में लंबे समय तक व्यापारियों का खरीदा गया माल पड़ा रहता है। इस कारण नए किसानों को न तो जगह मिलती है और न ही समय पर उनका माल बिकता है। बारिश के मौसम में यह समस्या और विकराल रूप ले लेती है, क्योंकि खुले में पड़ा अनाज भीगकर खराब हो जाता है, जिससे किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है।
- प्रशासनिक निरीक्षण के बावजूद व्यवस्था ढीली...
इस समस्या की शिकायतें समय-समय पर होती रही हैं। विधायक हेमंत खंडेलवाल और कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी खुद मंडी का निरीक्षण कर चुके हैं और व्यापारियों को चेतावनी भी दी गई है कि माल समय पर हटाएं, परंतु कुछ समय बाद फिर से स्थिति जस की तस हो जाती है।
- मंडी सचिव का बयान...
मंडी सचिव दिनेश लोखंडे ने कहा कि, किसान शेड या अपने वाहनों में ही अनाज रखें। खुले में अनाज रखना मना है, खासकर बारिश के मौसम में। जिन शेडों में व्यापारियों का माल रखा है, उन्हें तत्काल हटाने को कहा गया है।
- मुख्य सवाल ...
क्या मंडी प्रशासन व्यापारियों के हितों को प्राथमिकता दे रहा है?
बार-बार चेतावनी के बावजूद व्यापारियों पर कोई सख्त कार्रवाई क्यों नहीं होती?
किसानों को तुरंत राहत और न्याय कैसे मिलेगा?
- मांगें और सुझाव...
व्यापारियों को समय-सीमा में माल उठाने के लिए बाध्य किया जाए।
मंडी में नए शेड बनाए जाएं या अस्थाई ढांचे (टेंट आदि) की व्यवस्था की जाए।
मंडी परिसर में सीसीटीवी और निगरानी तंत्र मजबूत किया जाए ताकि कब्जे की स्थिति ट्रैक की जा सके।
मंडी सचिव और समिति की जिम्मेदारी तय हो और लापरवाही पर दंडात्मक कार्रवाई हो।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 11 जून 2025