बैतूल (हेडलाइन)/नवल वर्मा। जमीन की उर्वरकता की स्थिति लगातार खराब हो रही है। इसका बड़ा कारण किसानों द्वारा बहुतायात में रासायनिक खाद और कीटनाशक का उपयोग करना है। इसलिए सरकार अब चाहती है कि किसान प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़े और इसके लिए कृषि विभाग को विशेष जिम्मेदारी दी गई है। 27 मई को प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए विस्तृत दिशा निर्देश वीडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से दिए थे। मुख्य सचिव के दिशा निर्देश के बाद भी कृषि विभाग की ऐसी कोई हलचल नजर नहीं आ रही है जिससे प्राकृतिक खेती को लेकर किसानों को जागरूक करने और उन्हें प्राकृतिक खेती की ओर मोडऩे को लेकर कोई ठोस काम किया जा रहा हो। 
मुख्य सचिव के दिशा निर्देश का असर बैतूल जिले में तो नजर नहीं आ रहा है। किसान अभी भी खरीफ सीजन में बोवनी के लिए रासायनिक खाद की तरफ ही तेजी से दौड़ता हुआ नजर आ रहा है। अब ऐसा क्यों है इसका बड़ा कारण जागरूक किसान गजानन साहू निवासी मोरखा ने बताया कि कृषि विभाग और उसका स्ट्रेक्चर है। कृषि विभाग के पास अब मैदानी स्तर पर अमले की भारी कमी है और जो अमला है उसकी किसानों तक पहले जैसी सीधी पहुंच पकड़ भी नहीं है। इसलिए प्राकृतिक खेती और इस तरह के जो भी प्रोग्राम है वे खेती करने वाले वास्तविक किसानों तक पहुंच ही नहीं पाते। 

- विभाग के अधिकारियों को चाहिए कि वे सभी को तमाम स्कीम और प्रोग्राम की जानकारी दे...
सरकार किसानों के और खेती के फायदे के लिए कौन-कौनसी स्कीम चलाती है और क्या-क्या प्रोग्राम चलते है इसलिए जानकारी और प्रचार-प्रसार विभाग को करना चाहिए। राजनीति से तमाम लोगों को भी बताना चाहिए।
महेश्वर सिंह चंदेल, जिलाध्यक्ष
 भाजपा किसान मोर्चा, बैतूल।

- अधिकारी कागजों में ही सब कर डालते है, जिससे कि बजट की बंदरबांट हो जाए...
 जो भी स्कीम या प्रोग्राम होते है यह सब कागजों में ही होते है और आंकड़ों में ही नजर आते है। जमीन पर इसमें कुछ दिखाई नहीं देगा, इसलिए इनको लेकर विभाग प्रचार-प्रसार ही नहीं करता ताकि कोई सवाल ना करें।
रमेश गायकवाड़, जिलाध्यक्ष
 किसान कांग्रेस, बैतूल।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 16 जून 2025