बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।  भाजपा ने जबसे जातिगत जनगणना का ब्रम्हास्त्र चलाया है, तबसे मध्यप्रदेश में भी भावी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर समीकरण बदल गए है। राजधानी में जो राजनैतिक चर्चाएं है उसके मुताबिक अब भाजपा जातिगत समीकरण के आधार पर नया प्रदेश अध्यक्ष चुनेगी, क्योंकि मुख्यमंत्री यादव जाति और ओबीसी वर्ग से आते है। एक मुख्यमंत्री दलित वर्ग से आते है। वहीं विधानसभा अध्यक्ष सामान्य राजपूत वर्ग का प्रतिनिधिवत्व करते है। ऐसे में अब मध्यप्रदेश में सबसे बड़े आदिवासी तबके को साधने की तैयारी है। परम्परागत रूप से इस वर्ग को कांग्रेस का वोट बैंक माना जाता है। पिछले पांच-छ वर्षो में कांग्रेस की बी टीम माने जाने वाली जयस ने जिस तरह से अलग-अलग इलाकों में आदिवासी वोट बैंक को लामबंद किया है। उसे देखते हुए भाजपा को भी लगता है कि अब प्रदेश अध्यक्ष का दांव किसी आदिवासी पर ही खेला जाना चाहिए। राजधानी के वरिष्ठ पत्रकारों ने अपने सूत्रों के हवाले से यह भी कहा कि भाजपा का राष्ट्रीय आलाकमान ही नहीं, आरएसएस भी इस आदिवासी फार्मूले को लेकर सहमत नजर आ रहे है और इसलिए अब जिन दावेदारों के नाम हवा में उछल रहे थे वे भी बैकस्टेप चले गए है। आदिवासी तबके के भाजपा नेताओं में नाम तो कई उछलकर आ रहे है, लेकिन आरएसएस और भाजपा आलाकमान को बैतूल सांसद में संभावनाएं ज्यादा दिख रही है।

- आलाकमान से मिले सिग्रल के बाद भोपाल में सीएम के साथ योग करते नजर आए...
अभी हाल ही में योग दिवस पर जिस तरह से सांसद डीडी उईके भोपाल में आयोजित प्रदेश स्तरीय योग कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव के साथ योग की विभिन्न मुद्राओं को करते नजर आए। उससे इस बात को बल मिल रहा है कि डीडी मासाब की लॉटरी शर्तियां लग रही है। कहा जा रहा है कि मोहन यादव ने भी सांसद डीडी उईके के प्रति अपनी पंसद को जाहिर करने के लिए इस मौके को चुना।

- राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी डीडी मासाब का नाम था शामिल...
जब भाजपा आलाकमान किसी आदिवासी को राष्ट्रपति बनाने की रणनीति पर काम कर रहा था तब भी सांसद डीडी उईके का नाम उस सूची में प्रमुखता से शामिल था, जिनके नाम पर पार्टी आलाकमान विचार कर रहा था। जानकार तो दावा करते है यदि आदिवासी के साथ महिला आदिवासी का फार्मूला नहीं आता तो सांसद डीडी उईके ही दोपद्री मुर्मू की जगह भारत के राष्ट्रपति बनते।

- राष्ट्रवाद पर भाषण देने की अदभुत क्षमता और अति विनम्र स्वभाव बना फायदेमंद...
सांसद डीडी उईके को बाकी किसी उपलब्धि के लिए भले ही ना जाना जाता हो, लेकिन राष्ट्रवाद को लेकर उनके विचार और भाषणशैली सभी जानते है। हालत यह है कि कोई व्यक्ति उनके पास छोटा-मोटा काम कराने भी जाता हो तो सांसद डीडी उईके उसे राष्ट्रवाद की भावना से ओतप्रोत कर देते है। केन्द्रीय राज्यमंत्री बनने के बाद वे भी दिल्ली में बहुत सक्रिय रहे और अमित शाह की गुडबुक में आ गए है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 23 जून 2025