बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल में जिस तरह से शिकायत करने और आवेदन देने का ट्रेंड है इसे जागरूता माना जाए या कुछ और? यह शोध का विषय है? बैतूल में नागरिक सिर्फ जनसुनवाई या सीएम हेल्पलाईन में शिकायत करने तक ही सीमित नहीं है। वे जितने भी आयोग है उसके भी दरवाजे खटखटाने में पीछे नहीं रहते है। एक अधिकारी ने बताया कि बैतूल में जितने आवेदन, ज्ञापन होते है, उतने शायद ही किसी अन्य जिले में होते होंगे। उनका कहना था कि उनकी 25 वर्ष की सर्विस में 8 जिलों में रहने के बाद वे इस नतीजे में पहुंचे है कि बैतूल जिले में सबसे ज्यादा सेवा में श्रीमान का ट्रेंड है।

- कमिश्रर से भी करते है फरियाद..
बैतूल जिले से कमिश्रर कार्यालय को भी 154 शिकायतें भेजी गई, इसमें से 125 में प्रतिवेदन दिया जाना शेष है। 

- माननीय से भी आती है शिकायतें ...
सिर्फ आम नागरिक ही नहीं सांसद, विधायक, मंत्री आदि से भी शिकायतें मिलती है, इनकी संख्या 50 है।  

- सीएम मानिट में भी लंबित शिकायतों की संख्या अच्छी खासी...
सीएम जिन शिकायतों की मॉनीटरिंग करते है और जिसमें सीधे कलेक्टर से सवाल जवाब होता है, ऐसी 240 शिकायतें बताई जा रही है, इनमें से 62 मामलों में प्रशासन को कार्रवाई प्रतिवेदन देना बाकी है। 

- महिला आयोग...
1 जनवरी 2024 से 21 मार्च 2025 के दरमियान बैतूल जिले से 7 मामलों में आवेदन भेजे गए है और इनमें जिला प्रशासन को की गई कार्रवाई का प्रतिवेदन भी भेजना है। 

- अजजा/अजा आयोग...
बैतूल जिले से 1 जनवरी 2024 से 21 मार्च 2025 तक 27 शिकायतें अनुसूचित जाति एवं जनजाति आयोग में दर्ज कराई गई। जिसमें से 18 में प्रशासन ने प्रतिवेदन भी दिया है।

- मानवधिकार आयोग...
बैतूल जिले से 1 जनवरी 2024 से 21 मार्च 2025 तक मानवधिकार आयोग में 104 शिकायतें की गई, जिसमें से 56 आवेदन में प्रतिवेदन भेजा जाना शेष है। 

- बाल संरक्षण आयोग...
बैतूल जिले से 1 जनवरी 2024 से 21 मार्च 2025 के दरमियान कुल 16 आवेदन बैतूल जिले से भेजे गए है। इसमें से 7 मामलों में प्रशासन को अपना प्रतिवेदन देना है।

- ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में भी देते है दस्तक...
जानकारी के अनुसार बैतूल जिले से हर वर्ष भ्रष्टाचार के मामलों को लेकर लोकायुक्त और आर्थिक अनुसंधान ब्यूरो तक भी दस्तक दी जाती है। लगभग एक दर्जन मामले एक वर्ष के दौरान सामने आए है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 25 जून 2025