(बैतूल) 72 लाख के घोटाले में रेंजर तो जेल चला गया पर सहअभियुक्त नाकेदार अभी भी कर रहा है नौकरी , - वन विकास निगम रामपुर भतोड़ी प्रोजेक्ट के अफसर और बीजादेही पुलिस की भूमिका संदिग्ध

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल जिले के प्रशासनिक सिस्टम में जो ना हो वह थोड़ा है? ऐसा ही एक मामला वन विभाग से सामने आ रहा है? यहां पर 72 लाख के घोटाले में विभाग भी एक रेंजर और एक नाकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराता है और दोनों को सस्पेंड भी करता है। मामले में जहां रेंजर गिरफ्तार हो जाता है और जेल चला जाता है, वहीं दूसरी और नाकेदार बहाल होता है बल्कि दो माह से नौकरी करते हुए लगातार वेतन आहरण भी कर रहा है। इस स्थिति में वन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ-साथ पुलिस पर भी सवाल खड़े हो रहे है। वन विकास निगम की डीएम एस. दीपिका का कहना है कि उन्होंने पुलिस अधीक्षक को अवगत करा दिया है।
वहीं दूसरी और सवाल यह उठता है कि जिसके खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और जो फरार वाली स्थिति में है उसे बहाल कर ज्वाईंनिंग क्यों दी गई? पूरे मामले में साफ नजर आ रहा है कि अधिकारी ही पूरे मामले की लीपापोती करने में लगे है। मामले के जानकारों का कहना है कि वन विकास निगम में वन समितियों के बोनस को लेकर बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ था। इसमें से चूनाहजूरी सर्किल में आवरिया और काजली समिति में घोटाला सामने आया। मामले में रामपुर भतोड़ी प्रोजेक्ट के उच्च अधिकारियों द्वारा जांच की गई। जांच के बाद रेंजर गोविंद वासनिक और नाकेदार विरेन्द्र परते की भूमिका सामने आने पर दोनों के खिलाफ करीब 6 माह पहले बीजादेही थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई और दोनों को सस्पेंड कर दिया गया। करीब एक माह पहले रेंजर को तो बीजादेही पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया, लेकिन नाकेदार को गिरफ्तार नहीं कर रही है। यह नाकेदार विरेन्द्र परते वर्तमान में चोपना रेंज में दो माह से अपनी सेवाएं दे रहा है। मामले को लेकर बीजादेही थाने से संपर्क किया गया, लेकिन उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 27 जून 2025