(बैतूल) दो कमिश्नर की ताकत और एक किलो कागज गलने के बाद एसडीओपी ने खाली किया प्राचार्य का आवास , - आयुक्त जनजातीय कार्य के हस्तक्षेप के बाद खाली हो पाया प्राचार्य का सरकारी आवास

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। शाहपुर में एकलव्य आवासीय विद्यालय के प्राचार्य लंबे समय से किराए के मकान में निवासरत थे और वे लगातार अपना सरकारी आवास खाली कराए जाने के लिए आवेदन-निवेदन करते आ रहे थे। उनका आवास अब जाकर खाली हुआ और इसे खाली कराने में नर्मदापुरम कमिश्रर जैसे अधिकारी को हस्तक्षेप करना पड़ा और इस उठा-पठक में जो कागज दौड़े उनका टोटल वजन एक किलो होगा! यह मामला बताता है कि हमारा सरकारी सिस्टम लीगल मामलों में भी कैसी और किस रफ्तार से काम करता है?
- जब जनजाति कार्यविभाग के आयुक्त ने लिया संज्ञान तब सिस्टम हरकत में आया...
एकलव्य आवासीय विद्यालय शाहपुर में शाहपुर एसडीओपी मयंक तिवारी ने अनाधिकृत रूप से प्राचार्य के आवास पर कब्जा कर लिया था और निवास कर रहे थे? इस मामले को लेकर आयुक्त जनजातीय कार्य विभाग श्रीमन शुक्ल ने दो बार कमिश्नर नर्मदापुरम को पत्र लिखा और यह आवास तत्काल रिक्त कराए जाने के लिए कहा। तब नर्मदापुरम आयुक्त ने बैतूल कलेक्टर को निर्देश दिए।
- 20 जून को कमिश्नर ने कलेक्टर को निर्देश दिए 26 जून हुआ खाली...
बताया गया कि कमिश्रर नर्मदापुरम ने कलेक्टर बैतूल को पत्र लिखकर बताया कि आयुक्त जनजातीय कार्यविभाग द्वारा एकलव्य विद्यालय के प्राचार्य के आवास को खाली कराने के लिए कहा गया। उनके निर्देश के बाद कलेक्टर ने एसपी बैतूल और आईजी को अवगत कराया। तब 26 जून को एसडीओपी मयंक तिवारी ने यह आवास खाली किया। बताया गया कि 6 माह से अधिक समय से इस आवास में मयंक तिवारी रहे थे और प्राचार्य किराए का आवास लेकर निवास कर रहे थे। इससे एकलव्य विद्यालय की मॉनीटरिंग नहीं कर पा रहे थे।
- पात्रता नहीं फिर भी एसपी ऑफिस के लिपिक पुलिसकर्मियों के आवास में जमे हुए...
इधर एक और जानकारी सामने आई कि रक्षित केन्द्र स्थित पुलिस लाईन में एसपी ऑफिस के लिपिक वर्ग के कर्मचारियों ने उन आवासों का आवंटन अपने लिए करवा रखा है, जो कायदे से पुलिसकर्मियों के लिए है। जबकि कई पुलिसकर्मी आवास नहीं मिलने से किराए के मकान में रहते है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 01 जुलाई 2025