बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा।  बैतूल जिले में कृषि विभाग की कार्यप्रणाली हमेशा सवालों के घेरे में रहती है। यहां पर पदस्थ रहने वाले अधिकारी फील्ड में कभी जाते ही नहीं है और समीक्षा बैठकों में मनमाफिक आंकड़े दिखाकर वरिष्ठ अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सब्जबाग दिखाते है। वर्तमान में जिले में ऐसा कीटनाशक भी खुलेआम बिक रहा है, जिसे प्रतिबंधित किया गया क्योंकि यह कैंसर रोधी है। जानकारों ने बताया कि मीरा 71 जिसे ग्लाईफोसेड आमेनियम 70 फीसदी भी कहा जाता है खुलेआम बिक रहा है और यह इसलिए हो रहा है कि कृ़षि विभाग कभी जांच पड़ताल नहीं करता। बताया गया कि 120 रूपए से 250 रूपए तक कीमत में यह पैकेट आसानी से विभिन्न कृषि केन्द्रों पर उपलब्ध हो रहा है। कृषि विभाग जो भी अलग-अलग बोवनी सीजन में जांंच पड़ताल के दावे करती है वह इस कीटनाशक के इस तरह से बिकने के कारण खोखले साबित हो रहे है। कृषि विभाग तो यह है कि जब हल्ला मचता है और कलेक्टर आदि संज्ञान लेते है तब खानापूर्ति के लिए कार्रवाई कर देते है अन्यथा विभाग के अधिकारियों का पूरा रूझान सब्सिडी वाली योजनाओं पर ही केन्द्रित रहता है। 

- मिट्टी के साथ-साथ मानव जीवन के लिए भी खतरनाक है यह कीटनाशक...
कृषि वैज्ञानिकों की बात पर यदि यकीन किया जाए तो ग्लाईफो सेड का अंधाधुंध उपयोग करना है मिट्टी की उर्वरकता के लिए नुकसानदायक है। साथ ही यह सब्जियों और फसलों के माध्यम से मानव शरीर में जाकर बीमारियों पैदा करता है। जिसमें नॉन हाईजकिन लिफोमा जैसे कैंसर का भी खतरा है।

- 2022 में सरकार ने इसकी बिक्री पर लगा दिया था प्रतिबंध...
बताया गया कि केन्द्रीय कृषि एवं विज्ञान कल्याण मंत्रालय ने 21 अक्टूबर 2022 को एक अधिसूचना जारी कर इस कीटनाशक के उपयोग और बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसक उपयोग केवल चाय उत्पादक क्षेत्र में ही किया जा सकता है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जुलाई 2025