बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। जिले में प्रशासनिक सिस्टम की स्थिति यह है कि कलेक्ट्रेट जैसी जगह पर वर्षो से भर्ती नहीं होने और पदोन्नति नहीं होने के कारण कर्मचारियों का इतना टोटा है कि स्वयं कलेक्टर को अपना वाहन चलाने के लिए डूडा से ड्रायवर उधार लेना पड़ रहा है। अपने कोर्ट में हाका लगाने के लिए भृत्य आदिम जाति कल्याण विभाग से लेना पड़ रहा है। गेट पर खड़े रहने और फाईले इधर-उधर लाने ले जाने के लिए भी भृत्य अन्य विभाग से लेने पड़ रहे है और तो और कलेक्टर को स्टेनो जैसा कर्मचारी तक जिला पंचायत से लेना पड़ रहा है। यह सब स्थिति इसलिए है कि  कलेक्टर की स्थापना शाखा के अनुसार 119 कर्मचारियों का टोटा है। 

- कर्मचारी रिटायर होते रहे और भर्तियां नहीं हुई...
प्रशासनिक सिस्टम में लिपिक और अन्य वर्ग के कर्मचारी हर वर्ष रिटायर होते रहेे लेकिन उनकी जगह नई भर्तियां नहीं हुई, इसलिए कर्मचारियों की संख्या लगातार कम हुई है। 

- पदोन्नति और अनुकंपा में भी बिगड़ा ताल...
पदोन्नतियां ना होने से वर्ग 3 के पद खाली नहीं हुए और यदि किसी कर्मचारी की मृत्यु हुई तो पद 3 के पद खाली ना होने से वहां नियुक्तियां नहीं हुई। इसलिए भी टोटा बना हुआ है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 05 जुलाई 2025