बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल शहर में अवैध गतिविधियों को भी प्रशासनिक और राजनैतिक संरक्षण मिलता हुआ दिखाई देता है! इसका सबसे बड़ा नमूना शहर के मध्य में सबसे प्राईम लोकेशन पर लगाया गया मिक्सर प्लांट है? यह प्लांट पीडब्ल्यूडी के एक ठेकेदार द्वारा शहर में व्हाईट टॉप सडक़ निर्माण के लिए लगाया गया है? जिस स्थान पर प्लांट लगाया गया है उसी स्थान पर भारी मात्रा में गौण खनिज का भी भंडारण कर रखा है? इस मामले को लेकर पूर्व में भी अलग-अलग मीडिया प्लेटफार्म पर सवाल उठ चुके है, लेकिन तमाम जिम्मेदार जिसमें नगरपालिका, पीडब्ल्यूडी, एसडीएम, खनिज विभाग, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड चुप्पी साधे बैठे है?  जो नियमों के जानकार है उनका तो साफ शब्दों में कहना है कि इस तरह का प्लांट आबादी वाले इलाके में कतई नहीं लगाया जा सकता फिर पीडब्ल्यूडी ने किस आधार पर और किस रेंट पर और किस एग्रीमेंट के तहत किसके प्रस्ताव पर रेस्ट हाउस की जमीन प्लांट लगाने के लिए दी है? वहीं खनिज विभाग के लिए सबसे बड़ा सवाल यह है कि उक्त स्थल पर जिस मात्रा में गौण खनिज डम्प किया गया है क्या उसकी विधिवत अनुमति ली गई है? क्या जिस दिनांक को अनुमति दी गई उसके बाद ही यहां भंडारण किया गया? क्या जितनी मात्रा की अनुमति दी गई उतने ही गौण खनिज का वहां भंडारण किया गया है? क्या प्लांट लगाने के पूर्व और यहां पर भंडारण करने पहले नगरपालिका से या एसडीएम से नियम अनुसार अनुमति ली गई है? यह वह सवाल है जिसका जवाब यदि सामने आएगा तो निश्चित रूप से इस प्लांट को लेकर ठेकेदार पर एफआईआर होगी?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 जुलाई 2025