(बैतूल) बैतूलबाजार में आयोजित हुआ प्रेरणादायी हृदयस्पर्शी कार्यक्रम, वरिष्ठ साहित्यकारों और शिक्षकों का किया सम्मान , - गुरुपूर्णिमा के निमित्त अखिल भारतीय साहित्य परिषद इकाई बैतूलबाजार ने किया आयोजन

बैतूल बाजार/ बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । अखिल भारतीय साहित्य परिषद जिला बैतूल इकाई द्वारा पावन व्यास पूर्णिमा पर्व के उपलक्ष्य में प्राचीन सांस्कृतिक धरोहर बैतूल बाजार में एक गरिमामयी काव्य गोष्ठी एवं साहित्यिक विमर्श का आयोजन डिवाइन स्कूल में किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों की पुनर्स्थापना, गुरु परंपरा का स्मरण तथा साहित्य के माध्यम से सामाजिक जागरूकता फैलाना रहा।
इस विशेष अवसर पर अखिल भारतीय साहित्य परिषद मध्य भारत प्रांतीय समिति के उपाध्यक्ष सुनील पांसे, मीडिया प्रभारी नवल वर्मा एवं प्रांतीय सदस्य अजय पंवार मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन परिषद के जिला महामंत्री धर्मेंद्र कुमार खौसे द्वारा किया गया।
*शुभारंभ और गुरु-वंदना*
कार्यक्रम का आरंभ माँ सरस्वती एवं महर्षि वेदव्यास जी के छायाचित्रों पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। इस अवसर पर जिला मीडिया प्रभारी प्रसेन मालवी द्वारा परिषद गीत एवम जिले विरिष्ठ साहित्यकार सुभाष जामघडे द्वारा सरस्वती वंदना कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई । वहीं उपस्थित समस्त साहित्यकारों एवं अतिथियों ने गुरु परंपरा को नमन करते हुए भारतीय संस्कृति ज्ञान परंपरा को स्मरण किया।
*बौद्धिक सत्र : आत्मबोध से विश्वबोध तक*
कार्यक्रम के प्रथम सत्र में प्रांतीय उपाध्यक्ष सुनील पांसे दास ने "आत्मबोध से विश्वबोध" विषय पर सारगर्भित उद्बोधन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि भारत को वर्ष 2047 तक विश्वगुरु के रूप में प्रतिष्ठित करने के लिए साहित्यिक जगत की महती भूमिका है। उन्होंने वर्तमान सामाजिक, सांस्कृतिक और वैचारिक चुनौतियों की चर्चा करते हुए साहित्यकारों से आह्वान किया कि वे संवाद, चिंतन और सृजन के माध्यम से जनचेतना को जाग्रत करें।
उन्होंने विशेष रूप से वामपंथी विचारधारा के प्रभाव से समाज को बाहर निकालकर भारतीय जीवन मूल्यों की पुनर्स्थापना की आवश्यकता पर बल दिया।
प्रांतीय सदस्य अजय पंवार ने अपने वक्तव्य में महर्षि वेदव्यास के जीवन और योगदान को रेखांकित करते हुए गुरु के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने श्रद्धेय गुरुदेव श्रीराम शर्मा आचार्य के विचारों को आत्मसात कर समाज में सकारात्मक कार्यों के लिए प्रेरित होने का संदेश दिया।
*गुरुओं का सम्मान और स्थानीय प्रतिभाओं का अभिनंदन*
कार्यक्रम से पूर्व नगर के सेवानिवृत्त वयोवृद्ध शिक्षकों का तिलक लगाकर एवं पौधा भेंट कर सम्मान किया गया। यह सम्मान गुरु-शिष्य परंपरा के सम्मान और पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता का प्रतीक रहा।
साथ ही नगर के रामायण मंडल के कलाकारों एवं अन्य सांस्कृतिक प्रतिभाओं का भी सम्मान किया गया, जिन्होंने निरंतर सामाजिक और सांस्कृतिक मंचों पर सक्रिय योगदान दिया है।
*काव्यगोष्ठी में झलका साहित्यिक रंग*
कार्यक्रम के द्वितीय सत्र में आयोजित काव्यगोष्ठी में जिले के विभिन्न क्षेत्रों से पधारे साहित्यकारों ने भाग लिया। उन्होंने अपनी ओजस्वी, भावनात्मक और प्रेरणादायी रचनाओं के माध्यम से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। काव्यपाठ के माध्यम से समाज, राष्ट्र और संस्कृति से जुड़े विभिन्न पहलुओं को प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया।
- भविष्य की योजनाएँ और एकजुटता का संकल्प...
जिला इकाई द्वारा आगामी आयोजनों की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई। साथ ही ग्वालियर में सम्पन्न प्रांतीय अधिवेशन में उठाए गए मुद्दों और प्रस्तावों को विस्तार से साझा किया गया। सभी साहित्यकारों ने एकजुट होकर साहित्य के माध्यम से समाज के नव निर्माण में सक्रिय योगदान देने का संकल्प लिया।
- आभार , उपस्थिति और समापन...
कार्यक्रम का समापन अखिल भारतीय साहित्य परिषद के जिला मीडिया प्रभारी प्रसेन मालवी द्वारा आभार प्रदर्शन के साथ हुआ। उन्होंने सभी अतिथियों, साहित्यकारों, श्रोताओं एवं आयोजन से जुड़े समस्त सहयोगियों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त की।
इस गरिमामयी आयोजन में सुभाष जामगड़े, महेंद्र गुदवारे, संतोष राठौर, ब्रजेन्द्र रहडवे, गुड्डा वर्मा पत्रकार, निरंजन सोनारे, अजय पवार , सुनील पांसे, नवल वर्मा पत्रकार, प्रसेन मालवी, सुनील लोनारे, मुकेश बाबूजी, परस्या लोनारे, गोलू सेम्भेकर, विवेक राठौर, अनूप वर्मा, भूपेन्द्र राठौर, पीयूष वर्मा, मनोज धाड़से, नारायण साहू, अजय पवार, धर्मेंद्र खोसे सहित साहित्यिक और अध्यात्मिक अनुज - अग्रज आदि की उपस्थिति रही ।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 14 जुलाई 2025