बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। गौठान क्षेत्र में सरकारी जमीन बेचे जाने का मामला है इसमें कालोनाईजर पवन गढ़ेकर के खिलाफ तात्कालीन कलेक्टर शशांक मिश्रा ने एफआईआर के आदेश दिए थे? इस आदेश का परिपालन होने के पीछे उसी समय राजस्व विभाग में पदस्थ पवन गढ़ेकर के भाई आरआई हरीश गढ़ेकर की बड़ी भूमिका बताई जा रही है! इसके अलावा उस हल्के के पटवारी ने भी इस मामले में अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन नहीं किया, इसलिए कलेक्टर का आदेश दाएं-बाएं हो गया और पांच वर्ष से अधिक का समय हो जाने के बाद भी मामले में कलेक्टर का वह आदेश दबाकर रखा जा रहा है?

- एसडीएम कहार ने दिए थे एडीएम कार्यालय से आदेश बुलाने के आदेश...
पवन गढ़ेकर के खिलाफ एफआईआर के मामले में जब बैतूल के पूर्व एसडीएम राजीव कहार के सामने मामला उठा था तो उन्होंने एसडीएम कार्यालय के लिपिक गाठे और डायवर्सन आरआई राहुल इवने को निर्देश दिए थे पर हुआ कुछ नहीं?

- पटवारी तो इस मामले में बात करने से ही काटता है कन्नी...
बताया गया कि उक्त हल्के के पटवारी से जब पूछा गया था कि पवन गढ़ेकर के मामले में एफआईआर क्यों नहीं हुई तो वह कहने लगा कि जो जमीन बेची थी उसका निपटारा हो गया है अब कहीं कुछ नहीं है! इससे उसकी भूमिका पर प्रश्न चिन्ह है?

- यह मामला इस बात का प्रमाण कि सिस्टम का काकस कैसे सबकुछ मैनेज करता है...
राजस्व और कालोनाईजिंग के नियमों को जानने वालों का कहना है कि सरकारी जमीन बेच दी जा रही है और कलेक्टर के आदेश का पालन नहीं हो रहा है? यह बताता है कि राजस्व विभाग में किस तरह का काकस काम कर रहा है जो कलेक्टर के आदेश तक का पालन नहीं होने देता? उनका कहना है कि गौठान में ही कम से कम आधा दर्जन मामले ऐसे है जिसमें सरकारी और नाले की जमीनें बेची गई, लेकिन एफआईआर एक में भी नहीं हुई?
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 19 जुलाई 20