बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। बैतूल में स्कूली स्तर पर सरकारी शिक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी शिक्षा विभाग सहित जनजातीय कार्य विभाग के पास है। अभी तक की व्यवस्था में बैतूल जिले में मुलताई, आमला, पट्टन और बैतूल ब्लॉक का कामकाज जिला शिक्षा अधिकारी देखा करते थे और बाकी शेष बचे ब्लॉकों का काम आदिम जाति कल्याण विभाग के अंतर्गत होता था। अब शिक्षा विभाग से चार में से तीन ब्लॉक ही बचे है। इसमें से एक ब्लॉक बैतूल ट्रायबल विभाग के पास चला जाएगा और इसका कारण हाईकोर्ट का एक आदेश बताया जा रहा है। 

- इससे क्या होगा फायदा और नुकसान...
 इस बदलाव से शिक्षक एवं अन्य मिलाकर करीब डेढ़ हजार कर्मचारी प्रभावित होंगे और उन्हें ट्रायबल की पॉलिसी के तहत अब आगे स्थितियों का सामना करना पड़ेगा। वहीं दूसरी और फायदा यह है कि ट्रायबल की अलग-अलग स्कीम का लाभ भी मिलेगा। मतलब ब्लॉक को अधिक बजट मिलेगा।

- जो कानून का जानकार नहीं है उसे जिम्मेदारी...
इस तरह के कोर्ट कचहरी में चलने वाले विभागीय मामले को लेकर शिक्षा विभाग के पास कोई भी कानून का जानकार नहीं है। वर्तमान में एक शिक्षक डोंगरे के पास शिक्षा विभाग में विधिक मामलों की जिम्मेदारी है। अब ऐसी स्थिति में विभाग कानूनी मामलों में सही तरीका नहीं अपना पाता। 

- 1998 में हुआ था नोटिफिकेशन...
बैतूल ब्लॉक के ट्रायबल होने का गजट नोटिफिकेशन 1997-98 में हुआ था, लेकिन इसके बाद भी किसी ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया। फिर 2007-08 में अचानक इस नोटिफिकेशन के आधार पर बैतूल ब्लॉक को ट्रायबल को दिया जाने लगा। नतीजा यह रहा कि शिक्षकों में हडक़ंप मच गया और शिक्षक इस मामले को लेकर हाईकोर्ट चले गए। मामला हाईकोर्ट में लंबित था, लेकिन किसी भी परिवाद लगाने वाले ने इस तरफ गंभीरता से ध्यान नहीं दिया। नतीजन चार माह पहले हाईकोर्ट ने आदेश कर दिया कि बैतूल ब्लॉक अब एजुकेशन से ट्रायबल विभाग को दे दिया जाएगा।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 21 जुलाई 2025