(बैतूल) शाहपुर और बैतूल के क्रीड़ा परिसर में टैलेंट सर्च को एक माह हो रहा है पर चयन सूची नहीं कर रहे जारी , - करोड़ों के बजट वाले दोनों क्रीड़ा परिसरो में सुविधाओं को लेकर है गंभीर प्रश्र चिन्ह

बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। आदिम जाति कल्याण विभाग में हॉस्टल और उनके संचालन की अलग-अलग कहानियां सामने आती है? सबसे ज्यादा बजट वाले बैतूल जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा दो क्रीड़ा परिसर का संचालन किया जाता है। जिसमें बालक क्रीड़ा परिसर शाहपुर और बालिका क्रीड़ा परिसर हमलापुर में संचालित हो रहा है। उक्त दोनों क्रीड़ा परिसर में खाली सीटों को भरने के लिए टैलेंट सर्च किया गया था और इसे लगभग एक माह हो गया है। इसके बावजूद अभी तक उक्त दोनों हॉस्टल की खाली सीटों के लिए चयन सूची ही जारी नहीं हुई है तो क्या ऐसी स्थिति में बच्चे पढ़ाई छोडक़र चयन सूची की रास्ता देखे।
- दोनों क्रीड़ा परिसर का जून में हुुआ ता था टैलेंट सर्च...
बताया गया कि 20 एवं 21 जून को बैतूल क्रीड़ा परिसर के लिए टैलेंट सर्च किया गया। जिसमें 170 प्रतिभागियों ने शिरकत की। वहीं 22 एवं 23 जून को शाहपुर क्रीड़ा परिसर के लिए हुए सर्च में 160 प्रतिभागी सामने आए थे।
- 76 सीटों पर दोनों क्रीड़ा परिसर में होना है चयन...
बताया गया कि दोनों 100-100 सीटर क्रीड़ा परिसर है। जहां बैतूल के लिए 20 सीट खाली है वहीं शाहपुर के लिए 56 सीट खाली है। बैतूल में जूड़ों और साफ्ट बॉल के लिए चयन होना है, वहीं शाहपुर में जूडों, साफ़्ट बाल और एथेलिटिक्स का चयन है।
-हॉस्टल हो या क्रीड़ा परिसर किसी की नहीं होती प्रापर मॉनिटरिंग...
बैतूल जिले में आदिम जाति कल्याण विभाग द्वारा जो हास्टल या यह दोनों क्रीड़ा परिसर संचालित किए जा रहे है इनकी किसी भी स्तर पर प्रापर मॉनीटरिंग नहीं होती है। इसलिए यह हॉस्टल विवादों के घेरे में भी रहते है। क्रीड़ा परिसर में कभी रहकर प्रशिक्षण ले चुके एक छात्र ने ही बताया कि यहां डाईट के मामले में जो मेन्यू है उसका पालन ही नहीं होता है। जो जनप्रतिनिधि है वे भी कभी हॉस्टल या क्रीड़ा परिसर आकर नहीं देखते कि वास्तव में व्यवस्थाएं नियम अनुसार है या नहीं। इसलिए हॉस्टल की पोस्टिंग को अतिरिक्त लाभ की पोस्टिंग माना जाता है।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 25 जुलाई 2025