पाकिस्तान में विस्फोटक राजनीतिक हालात से घबराए चीन, सऊदी अरब और यूएई
इस्लामाबाद । पाकिस्तान में विस्फोटक राजनीतिक हालात से उसके दोस्त देश चीन, सऊदी अरब और यूएई घबरा गए हैं। चीन के पाकिस्तान को घर सुधारने की सलाह के बाद यूएई के राष्ट्रपति पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को फोन करके मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। असीम मुनीर ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था। अब सऊदी अरब के प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने अपने विशेष दूत को पाकिस्तान भेजा है। सऊदी अरब के उप गृहमंत्री डॉक्टर नसीर बिन अब्दुल अजीज अल दाऊद पाकिस्तान पहुंच गए हैं। पाकिस्तान सरकार का दावा है कि सऊदी दूत रोड टु मक्का प्रॉजेक्ट पर समझौते के लिए पहुंचे हैं। पाकिस्तान सरकार ने कहा है कि इस प्रॉजेक्ट से हज यात्रा बहुत आसान हो जाएगी। उसने कहा कि यह सऊदी अरब का ही प्रॉजेक्ट है। वहीं पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि सऊदी प्रिंस ने इमरान और सेना के बीच विवाद को शांत करने के लिए अपने उप गृहमंत्री को भेजा है। सऊदी अरब ने बड़े पैमाने पर पाकिस्तान को कर्ज दे रखा है और उसका काफी असर है। इमरान खान और जनरल मुनीर के विवाद अपने चरम पर पहुंच गया है। इमरान खान के समर्थकों ने पिछले दिनों अपने नेता की गिरफ्तारी के बाद देश में जमकर हिंसा की थी।
पीटीआई के कार्यकर्ताओं ने न केवल सेना के रावलपिंडी स्थित मुख्यालय में तोडफोड़ की बल्कि लाहौर में आर्मी के कोर कमांडर के घर को भी जला दिया था। इस घर को जिन्ना हाउस के नाम से भी जाना जाता है। इमरान खान समर्थकों की इस हिंसा के बाद पाकिस्तानी सेना प्रमुख ऐक्शन में आ गए हैं। अब सेना इमरान खान और इन पीटीआई के कार्यकर्ताओं के खिलाफ आर्मी ऐक्ट और आफिशियल सीक्रेट ऐक्ट के तहत कार्रवाई करने जा रही है।
इन दोनों कानूनों को काला कानून कहा जाता है और इसके तहत उम्रकैद से लेकर मौत की सजा दी जा सकती है। इससे पहले संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति ने जनरल मुनीर को फोन करके विवाद सुलझाने में मदद करने का प्रस्ताव दिया था। यूएई के राष्ट्रपति ने कहा कि वह पाकिस्तान में स्थिरता के लिए हर तरह की मदद करने को तैयार हैं। यूएई के इस प्रस्ताव को जनरल मुनीर ने भाव नहीं दिया था। पाकिस्तानी सेना प्रमुख अब इमरान खान के खिलाफ अब निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार दिख रहे हैं। पाकिस्तानी विश्लेषकों का कहना है कि इसी वजह से सऊदी प्रिंस ने अपने दूत को भेजा है।