मुंबई.महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में अजित पवार की बगावत के बाद सियासी पारा चढ़ा हुआ है। पार्टी चीफ शरद पवार और मौजूदा सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार पार्टी पर अपना-अपना दावा ठोंक रहे हैं।

अजित की बगावत और पार्टी के मुखिया की खींचतान के बीच शरद पवार को तगड़ा झटका लगा है। पूर्वोत्तर के राज्य नगालैंड में एनसीपी के सभी सात विधायकों और पार्टी के पदाधिकारियों ने अजित पवार गुट को समर्थन दिया है।


नगालैंड एनसीपी ने प्रेस रिलीज जारी करते हुए कहा- नगालैंड राष्ट्रवादी पार्टी की संपूर्ण प्रदेश कार्यकारिणी और जिलों के पदाधिकारियों के साथ गहन चर्चा के बाद फैसला लिया गया है कि वे अजित पवार और राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल के नेतृत्व में काम करेंगे। गौरतलब है, इस महीने की शुरुआत में अजित पवार ने चाचा शरद पवार से बगावत कर दी थी। अजित आठ एनसीपी विधायकों के साथ शिवसेना शिंदे गुट-बीजेपी सरकार में शामिल हो गए थे। जहां उन्हें डिप्टी सीएम बनाया गया है।


अजित पवार के इस कदम से 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले महाराष्ट्र में राजनीतिक समीकरण भी बदल गए हैं। एक तरफ अजित पवार ने प्रफुल्ल पटेल, छगन भुजबल व दिलीप वलसे पाटिल जैसे नेताओं का समर्थन हासिल किया है और अपने गुट को असल एनसीपी होने का दावा किया है। वहीं शरद पवार ने भी पार्टी विरोधी गतविधियों के लिए कई नेताओं को निष्कासित कर खुद को पार्टी का बॉस बताया है। अजित पवार का ये कदम उसी तरह है जैसे मौजूदा सीएम एकनाथ शिंदे ने पिछले साल शिवसेना को विभाजित किया था और बीजेपी से गठबंधन कर सरकार बनाई थी। जिससे उद्धव ठाकरे की नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी सरकार सत्ता से बाहर हो गई थी।