न्यूयॉर्क से एक अजीबो-गरीब मामला सामने आया है। दरअसल, यहां 78 वर्षीय भारतीय-अमेरिकी इंनियर ने दावा किया है कि पिछले साल एक  रिश्तेदार से फोन पर हिंदी में बात करने के कारण उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया था।78 वर्षीय अनिल वार्ष्णेय ने मिसाइल रक्षा ठेकेदार पार्सन्स कॉर्पोरेशन और अमेरिकी रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के खिलाफ कंपनी पर प्रणालीगत भेदभावपूर्ण कार्रवाई का आरोप लगाते हुए मुकदमा दायर किया है।

भारत में अपने रिश्तेदार के साथ लगभग दो मिनट तक चली टेलीफोन कॉल पर एक श्वेत सहकर्मी ने उन्हें हिंदी में बात करते हुए सुना, जिसके बाद उन्हें गलत तरीके से बर्खास्त कर दिया गया।मुकदमे में दावा किया गया कि दूसरे कार्यकर्ता ने झूठा और जानबूझकर रिपोर्ट किया कि वार्ष्णेय ने गोपनीय जानकारी का खुलासा करके सुरक्षा उल्लंघन किया।

याचिकाकर्ता का कहना है कि मामले में फैसला सुनाते हुए उसकी नौकरी के स्तर पर बहाल किया जाए और अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो,  वह लाभ सहित अग्रिम वेतन और मानसिक पीड़ा तथा भावनात्मक संकट के लिए दंडात्मक और परिसमाप्त क्षति के साथ ही वकील की फीस चाहता है।