तकनीकी सेमिनार में प्रतिभागियों ने सीखा सर्कुलेशन मॉड्यूल व मेंबरशिप कार्ड्स बनाना
ग्वालियर । जेयू के ग्रन्थालय एवं सूचना विज्ञान अध्ययनशाला में सेमीनार के चौथे दिन एनआईटी जालंधर से आए विषय विशेषज्ञ डी. पी.त्रिपाठी ने प्रथम सत्र में कोहा के सर्कुलेशन मॉड्यूल में प्रतिभागियों से मेंबरशिप कार्ड्स बनवाए साथ ही साथ उसमें पाठकों की फोटो अपलोड व मेंबरशिप कार्ड में बारकोड जनरेट भी करवाए एवं उन्होंने किताबों के ऊपर ओवरड्यू चार्जेज के बारे में जानकारी दी।द्वितीय सत्र में कोहा के एक्वीजिशन की जानकारी दी किस तरह ग्रन्थालय में पुस्तकों का अर्जन व वेंडर को आर्डर दिया जाता है। प्रतिभागियों ने इस मॉड्यूल में वेंडर्स की एंट्री की और किताबों के पर्चेज ऑर्डर भी बनाए।तृतीय सत्र में प्रतिभागियों ने सीरियल मॉड्यूल की जानकारी प्राप्त की।इस मॉड्यूल में जनरल, मैग्जीन, पत्रिका आदि की एंट्री की।चतुर्थ सत्र में डी.पी.त्रिपाठी एवं प्रो जितेन्द्र श्रीवास्तव ने अपने अपने ग्रुप में कोहा के ओपेक मॉड्यूल के बारे में बताया और सभी प्रतिभागियों ने इस मॉड्यूल की प्रैक्टिस की ।पंचम सत्र में एमएलबी कॉलेज से आए विषय विशेषज्ञ प्रो जितेन्द्र श्रीवास्तव ने ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर पर व्याख्यान दिया ।अगले सत्र में डॉ.डी.पी.त्रिपाठी ने साक्षात्कार में इस सॉफ्टवेयर के सम्बन्ध में किस प्रकार के प्रश्न पूछे जा सकते है उनके उत्तर कैसे देना चाहिए के बारे में विस्तृत जानकारी दी ।इस मौके पर आयोजन सचिव प्रो जे.एन.गौतम ने सभी विषय विशेषज्ञो को धन्यवाद ज्ञापित किया।
कोहा को जाना
सभी प्रतिभागियों को कोहा इंस्टाल करने का प्रशिक्षण भी दिया गया। विषय विशेषज्ञ डॉ.शिवपाल सिंह कुशवाह ने कोहा के मोडयूल की जानकारी दी साथ ही साथ किताबो के स्टैंडर्ड फॉर्मेट के बारे में बताया एवं मार्क,आईएसबीडी की जानकारी दी।इस दौरान सभी प्रतिभागियो ने कैटालॉग मॉड्यूल में किताबों की एंट्री कर अभ्यास किया। विशेषज्ञों ने सर्कुलेशन मॉड्यूल की जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह से मेंबरशिप , बारकोड जनरेट कर किताबों का आदान प्रदान किया जाता है ।इसके बाद ओपेक मॉड्यूल के बारे बताया कि किस तरह पाठकों की वांछित सामग्री को ओपेक मॉड्यूल से खोज कर उन्हें उपलब्ध कराते है।इस मौके पर प्रो जेएन गौतम ने बताया की कोहा सॉफ्टवेयर एक ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर है इसकी जानकारी से प्रतिभागी अपनी लाईब्रेरी में बिना किसी व्यय के ऑटोमेशन का कार्य संचालन कर सकते है ।