आचार संहिता में नहीं हो पाए टेंडर, देवी अहिल्या विवि की मार्कशीट खत्म, हजारों विद्यार्थियों परेशान
इंदौर । नवबंर में हुए विधानसभा चुनाव के लिए लगी आचार संहिता ने देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के हजारों विद्यार्थियों की मार्कशीट अटका दी। विवि के अफसरों को आचार संहिता लगने से पहले टेंडर जारी करने की याद नहीं रही और विवि ने आचार संहिता में ही बीए, बीकाम, बीएससी प्रथम व द्वितीय वर्ष और एमए, एमकाम, एमएससी दूसरे और चौथे सेमेस्टर के रिजल्ट घोषित कर दिए, लेकिन रिजल्ट छापने के लिए अंकसूचियां ही नहीं थी। स्टाॅक में रखी करीब 70 हजार मार्कशीट पर अंक चढ़ाकर अधिकारियों ने सिर्फ स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं के लिए अंकसूची कालेजों में पहुंचाई,अन्य कक्षा के विद्यार्थी अब तक मार्कशीट का इंतजार कर रहे है। डेढ़ लाख से ज्यादा छात्र-छात्राएं है, जिन्हें अपनी अंकसूची नहीं मिली। अंकसूची नहीं होने से माइग्रेशन-ट्रांसक्रिप्ट और डिग्री बनाने का काम भी प्रभावित हो चुकी है। विद्यार्थियों के दबाव में विवि प्रशाासन ने कम्प्युटराइज्ड मार्कशीट को सत्यापित करने की अनुमति दी है, ताकि विद्यार्थियों को अागे की पढ़ाई या नौकरी में परेशानी न हो। रिजल्ट आने के बाद विद्यार्थियों को अंकसूची प्रिंट कर देने का जिम्मा विवि के आइटी सेंटर का रहता है। सितंबर अक्टूबर तक अफसरों को अंकसूची की कमी का पता चल गया था, लेकिन उसके बाद आचार संहिता लग गई और नई अंकसूची के टेंडर भी अटक गए।। विवि के स्टाॅक में भी 70 हजार अंकसूचियां थी,जबकि डेढ़ लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के रिजल्ट विवि घोषित कर चुका था,लेकिन अंक चढ़ाने के लिए मार्कशीट नहीं थी।
आइटी सेंटर ने विश्वविद्यालय के संबंधित विभाग को इसके बारे में सूचित कर दिया था, लेकिन अफसरों ने लापरवाही बरती। स्टाक में रखी अंकसूची विद्यार्थियों को देने का फैसला हुआ, लेकिन प्राथमिकता स्नातक और स्नातकोत्तर अंतिम वर्ष के छात्र-छात्राओं को दी गई और उनकी अंकसूची कालेजों में पहुंचाई। अंकसूची नहीं मिलने से सबसे ज्यादा परेशान विद्यार्थी वे है जिन्होंने काॅलेज बदले है।अंकसूची नहीं होने से माइग्रेशन बनाने में दिक्कतें आ रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने कम्प्युटराइज्ड अंकसूची को सत्यापित करने की प्रक्रिया शुरू की। उसके आधार पर अब विश्वविद्यालय माइग्रेशन बनाए जा रहे है। डीएवीवी के परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी के अनुसार जल्दी ही अंकसूची आ जाएगी। टेंडर जारी हो चुके है। एक माह में काॅलेजों में अंकसूचियां पहुंचा दी जाएगी।