यूएनएससी में स्थाई सदस्यता के लिए भारत के पक्ष में उतरा अमेरिका
जिनेवा। अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने बुधवार को कहा कि अमेरिका ने यूएनएससी सहित संयुक्त राष्ट्र के दूसरे संस्थानों में सुधार की पेशकश की है। पटेल ने कहा, राष्ट्रपति ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी टिप्पणी में पहले भी इस बारे में बात की है। सचिव ने भी इस बारे में बताया है। हम निश्चित रूप से सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र के अन्या संस्थाओं में सुधार का समर्थन करते हैं। ऐसे करके हम 21वीं सदी की दुनिया को प्रतिबिंबित कर सकते हैं।
बता दें कि टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सीट देने की पैरवी की है। उनके इस बयान पर अमेरिका ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। आपको बता दें कि भारत लंबे समय से विकासशील दुनिया के हितों का बेहतर प्रतिनिधित्व करने के लिए सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में फिलहाल 15 देश हैं। इनमें वीटो शक्ति वाले पांच स्थायी सदस्य हैं। दो साल के कार्यकाल के लिए चुने गए 10 गैर-स्थायी सदस्य देश भी शामिल हैं।
जनवरी में एलन मस्क ने भारत को यूएनएससी में स्थायी सीट न मिलने को बेतुका बताया था। उन्होंने कहा था कि जिन देशों के पास जरूरत से ज्यादा ताकत है, वे उसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। एक्स पर एक पोस्ट में एलन मस्क ने कहा, संयुक्त राष्ट्र निकायों में संशोधन की आवश्यकता है। समस्या यह है कि जिनके पास अतिरिक्त शक्ति है वे इसे छोड़ना नहीं चाहते हैं। भारत के पास स्थायी सीट नहीं है, जबकि पृथ्वी पर सबसे अधिक आबादी वाला देश है। अफ्रीका को भी सामूहिक रूप से एक स्थायी सीट मिलनी चाहिए। यूएनएससी के पांच स्थायी सदस्यों में चीन, यूनाइटेड किंगडम, फ्रांस, रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के गैर-स्थायी सदस्यों को यूएनजीए द्वारा 2 साल के कार्यकाल के लिए चुना जाता है।लोकसभा चुनाव के पहले चरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने चुनावी घोषणापत्र में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में देश के लिए स्थायी सदस्यता हासिल करने की कसम खाई है। 14 अप्रैल को जारी अपने घोषणापत्र में भाजपा ने कहा, हम वैश्विक निर्णय लेने में भारत की स्थिति को ऊपर उठाने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।इससे पहले जनवरी में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए बढ़ते वैश्विक समर्थन पर जोर दिया था और कहा था कि कभी-कभी चीजें उदारता से नहीं दी जाती हैं।