बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा । जिले की देवभूमियाँ श्री क्षेत्र जिनमें माँ ताप्ती उद्गम स्थल मुलताई , श्री महावीर देवस्थान हिवरा सहित जिले के समस्त देवस्थानों के शासकीय दस्तावेजों को लेकर धर्मध्वजा दल का प्रतिनिधिमण्डल जिनमें गोलू उघडे़ , पंडित अचित पाठक , नवल वर्मा , भूषण पण्डाग्रे , दीपक मालवीय , संजय देशमुख एवम् पवन मालवीय नागपुर के छत्रपति वीर शिवाजी महाराज कालीन एवम् वर्तमान गद्दीधारी शाही भोंसले राजघराने के राजा राजे मुधोजी भोंसले और युवराज राजे जयसिंह से मिला और उन्हें दस्तावेजों के आधार पर विभिन्न देवस्थान की भूमियों के सूक्ष्म तथ्यों से अवगत कराया । 
ज्ञात हो कि नागपुर के राजे भोंसले मराठा शाही घराने से सम्बद्ध हैं जिनका साम्राज्य तात्कालीन समय में हमारे क्षेत्र में फैला हुआ था। जो कि वर्तमान दस्तावेजीकरण में भी सरकार की माफी़ औकाफ़ में देवभूमियों और तीर्थस्थलों के रूप में वर्णित है।

- सैकड़ों देवस्थान की भूमियाँ आज भी हैं माफी़ औकाफ़ में दर्ज : राजे मुधोजी भोंसले ...


वर्तमान महाल नागपुर में शाही राजघराने के राजगद्दीधारी राजा राजे मुधोजी भोंसले ने दस्तावेज अवलोकन उपरान्त कहा कि बैतूल जिले में बहुत से स्थानों पर प्राचीन देवभूमियाँ हैं जो माफी़ औकाफ़ के अन्तर्गत सुरक्षित रखी गईं थी। जिनका स्थानीय शासन और प्रशासन तथा सरकारों की अनदेखी की वजह से अपना वास्तविक अस्तित्व खो रहीं है जिनका संरक्षण और संधारण किया जाना अतिआवश्यक है और इसके लिये हम सदैव आपके साथ हैं । 
उन्होंने चर्चा में बताया कि बैतूल जिले में माँ ताप्ती उद्गम स्थल , माँ पूर्णा का उद्गम स्थल , प्राचीन शिवमंदिर भैसदेही , श्री महावीर देवस्थान हिवरा , प्राचीन सूर्यमंदिर सूरगाँव , छोटा महादेव भोपाली , पाँच किले , माँ चन्डी दरबार गोधना सहित कई छोटे - बडे़ देवस्थानों की भूमियाँ जो वहाँ स्थित मूर्ति अथवा स्थल के नामे भूमियाँ माफी़ के अन्तर्गत छूटी हुई हैं । उन्होंने माँ ताप्ती जन्मोत्सव की समस्त भक्तों  श्रद्धालुओं को अपनी ओर से शुभकामनाएं भी प्रेषित की है।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 11 जुलाई 2024