बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। भीमपुर ब्लॉक के टेरम गांव में उल्टी-दस्त का प्रकोप होने पर करीब आधा सैकड़ा ग्रामीण बीमार होकर जिला अस्पताल पहुंचे थे। वहीं दो की मौत भी हो  गई थी। बीमारी फैलने के कारणों की खोजबीन के दौरान कोई भी ठोस कारण सामने नहीं आ रहा था। कहा जा रहा था कि पानी की वजह से यह स्थिति हो सकती है। पानी के भी सेम्पल लिए गए और इसके बाद शनिवार को पीएचई के ईएनसी केके सोंगारिया ने भीमपुर के उक्त गांव टेरम पहुंचकर वस्तुस्थिति की जानकारी ली।
 वहीं उन्होंने भीमपुर जाने के पहले जिला मुख्यालय स्थित पीएचई की लैब का भी निरीक्षण किया और इस बात की पड़ताल भी की कि सेम्पलिंग का काम ठीक से हो रहा है या नहीं, जांच प्रापर तरीके से हो रही है या नहीं? इसके अलावा जिला कार्यालय पीएचई का भी निरीक्षण किया। वहीं उन्होंने जल जीवन मिशन के कामों की भी समीक्षा की। इसके बाद वे टेरम पहुंचे थे। जहां उन्होंने पीडि़त परिवारों से चर्चा भी की है और पानी के स्त्रोत आदि को लेकर विस्तार से जानकारी ली। इस संबंध में ईएनसी ने चर्चा के दौरान बताया कि यह स्पष्ट हो चुका है कि पानी की वजह से उल्टी दस्त का यह प्रकोप नहीं हुआ था। इसकी वजह कुछ और है, संभवत यह है कि खाने, पीने में कुछ दूषित आ गया था इसलिए यह स्थिति बनी है। 

- काश ईएनसी पम्प हाउस का काम भी देखकर जाते...
भीमपुर ब्लॉक के दौरे पर गए ईएनसी ने केवल टेरम में ही वस्तुस्थिति की जानकारी ली। ईएनसी के दौरे को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य रामा काकोडिय़ों का कहना है कि ईएनसी यदि भीमपुर आए है तो उन्हें नलजल योजनाओं को लेकर भी जानकारी लेनी चाहिए थी। वहीं भीमपुर ब्लॉक में जल मिशन के तहत बनाए जा रहे पम्प हाउस का काम भी देखना चाहिए था। इन कामों में यह देखा जाना चाहिए था कि यह काम ड्राईंग डिजाईन और डीपीआर के अनुसार हो रहा है या नहीं। वहीं पम्प हाउस के लिए जो विद्युतिकरण का काम है उसकी क्वालिटी भी ईएनसी को चेक करना चाहिए थी।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 01 सितम्बर 2024