बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा । पश्विम वन मंडल का भ्रष्टाचार किसी एक मामले में नहीं है। आरोप तो यह है कि हर मामले में यहां सरकारी धन का दुरूपयोग हुआ है! जब तक पश्विम वन मंडल में वर्तमान डीएफओ के कार्यकाल की उच्च स्तरीय जांच नहीं होगी तब तक सच्चाई सामने नहीं आ सकती? क्योंकि मामला सीधे डीएफओ स्तर के अधिकारी से जुड़ा है, इसलिए इस मामले में वन मुख्यालय भोपाल से एक दल बनाकर हर स्तर पर जांच होनी चाहिए? 
मामले को लेकर हर स्तर पर शिकायतें है, लेकिन अज्ञात कारणों से शिकायतों में जांच नही की जा रही है! एक शिकायत के मुताबिक कूप सुरक्षा के लिए रखे गए श्रमिक के मामले में भी फर्जीवाड़ा और भ्रष्टाचार हुआ है? इस भ्रष्टाचार को लेकर बताया गया कि पश्विम वन मंडल की पांचों रेंज में सुरक्षा श्रमिकों को किए गए भुगतान की जांच होना चाहिए? बताया गया कि हेक्टेयर के हिसाब से कूप में राशि आती है, इस राशि में सुरक्षा श्रमिक के नाम से व्हाउचर बनाए जाते है, यही भ्रष्टाचार का कारण है? आरोप यह है कि इसमें 60-40 किया जा रहा है! मतलब कुछ श्रमिक वास्तविक होते है और कुछ फर्जी श्रमिक के व्हाउचर भरे जाते है? इसमें 26 दिन के हिसाब से 371 रूपए प्रतिदिन में 9 हजार 646 रूपए का प्रति श्रमिक भुगतान किया जाता है! कूप नंबर 3 से लेकर कूप नं 7 तक यही सिस्टम चला आ रहा है? हर कूप के नाम पर जिस राशि का आवंटन होता है, उसमें फर्जी व्हाउचर बनाकर भुगतान निकाला जाता है? सभी खातों में जो राशि डाली जाती है, उसकी 10 प्रतिशत राशि देकर खातेदारों से राशि निकालवा जाती है! यदि जांच की जाए तो सच्चाई सामने आ सकती है? इस पूरे मामले के जानकारों का कहना है कि यह सब बिना डीएफओ के संज्ञान के इतने बड़े पैमाने पर किया जाना ही संभव नहीं है?

- इनका कहना....
जो भ्रष्टाचार हो रहा है इसकी उच्च स्तरीय जांच होना चाहिए। यदि भाजपा के जनप्रतिनिधि भ्रष्टाचार के खिलाफ है तो उन्हें तत्काल वन मुख्यालय भोपाल से एक टीम बुलाकर विस्तृत जांच कराना चाहिए? हमारी मांग है कि पूरे मामले में वन मुख्यालय भोपाल सूक्ष्मता से जांच करें, तभी सच सबके सामने आएगा ?
राजेश गावंडे, कांग्रेस नेता।
@साभार  :  राष्ट्रीय दिव्य दुनिया 
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 24 दिसम्बर 2024