बैतूल(हेडलाइन)/नवल वर्मा। 13 वर्ष बाद फिर डीईओ के हाथों में प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों की भी कमान आ रही है। सरकार ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिए है। हालांकि अभी पॉलिसी और गाईडलाईन सरकार ने स्पष्ट नहीं की है। अब इस स्थिति में जो डीपीसी (जिला परियोजना समन्वयक) और एडीपीसी (अतिरिक्त जिला परियोजना समन्वयक) के पद को समाप्त किया जा रहा है। इसकी जगह सहायक संचालक नियुक्त किए जाएंगे। अभी इनकी नियुक्तियां नहीं हुई है, इसलिए डीपीसी और एडीपीसी की व्यवस्था ही चल रही है। ब्लॉक स्तर पर बीआरसी की व्यवस्था भी समाप्त की जा रही है। उनका स्थान एरिया एजुकेशन ऑफिसर लेंगे। जो कि एईओ कहलाएंगे। सहायक संचालक की नियुक्ति एमपी पीएससी के माध्यम से होगी। 

- शिक्षा सत्र शुरू पर व्यवस्थाएं नहीं बनाई...
सरकार ने नई व्यवस्था लागू किए जाने की घोषणा तो कर दी, लेकिन नई व्यवस्था के तहत अभी तक कुछ नहीं किया है, जबकि नया शिक्षा सत्र शुरू हो चुका है और पूर्व की तरह ही शिक्षा विभाग अलग और जिला शिक्षा केन्द्र अलग पहले की तरह ही अपना कामकाज कर रहे है।

- डीईओ के हाथ के नीचे आएंगे डीपीसी...
डीपीसी का पद जिसे अब सहायक संचालक बना दिया गया है। वह अब जिला शिक्षा अधिकारी के अधीनस्थ ही काम करेगा। बताया गया कि पहली से लेकर 12 वीं तक की तमाम जवाबदारी जिला शिक्षा अधिकारी के पास में ही होगी। वहीं संकुल और जनशिक्षक की व्यवस्था नहीं होगी।

- एक एरिया ऑफिसर के पास 50 स्कूल...
नई व्यवस्था में एक एरिया एजुकेशन ऑफिसर जिसे एईओ कहा जाएगा। उसके पास अब 50 स्कूलों की जवाबदारी होगी। एईओ के रूप में प्राचार्यो को लोक शिक्षण संचानालय नियुक्त करेगा।  हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वित्तीय मामलों में क्या पॉलिसी रहेगी?

- 12 वर्ष पहले की है यह सब प्लॉनिंग...
 राज्य शिक्षा सेवा को 2013 में लागू किया गया था। इसके लिए एईओ पद के लिए  परीक्षा आयोजित हुई थी। इसमें प्रधान पाठक से लेकर हायर सेकेण्डरी के प्राचार्य तक शामिल हुए थे। इन्हें एईओ बनाकर मैदानी स्तर पर शिक्षा का नियंत्रण देना था, लेकिन विरोध कारण रूक गया था।
नवल वर्मा हेडलाइन बैतूल 15 अप्रैल 2025