बार-बार पेशाब आना हो सकता है इन 7 बीमारियों का संकेत, नजरअंदाज न करें
नई दिल्ली: बार-बार पेशाब लगना, एक ऐसी समस्या है जो कई लोगों की नींद और दैनिक जीवन को प्रभावित करती है। वैसे तो दिन में 4 से 8 बार पेशाब जाना सामान्य माना जाता है, पर अगर आपको सामान्य से कहीं ज्यादा बार पेशाब जाने की जरूरत महसूस हो रही है, खासकर रात में, तो इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। यह सिर्फ एक असुविधा नहीं, बल्कि आपके शरीर में पनप रही किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। मानसून के मौसम में जब संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है, इस समस्या का खतरा और भी बढ़ जाता है। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि बार-बार पेशाब आने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं और इससे बचाव के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं। आइए इस लेख में हम बार-बार पेशाब लगने के संभावित कारणों और उनसे बचाव के तरीकों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
संभावित बीमारियां
बार-बार पेशाब लगना कई स्वास्थ्य समस्याओं का लक्षण हो सकता है। सबसे आम है यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, जिसमें बैक्टीरिया मूत्र मार्ग में प्रवेश करते हैं, जिससे जलन और बार-बार पेशाब की इच्छा होती है। डायबिटीज भी एक प्रमुख कारण है, क्योंकि उच्च ब्लड शुगर के कारण किडनी अतिरिक्त ग्लूकोज को बाहर निकालने के लिए अधिक पेशाब बनाती है। प्रोस्टेट की समस्या (पुरुषों में) और अति सक्रिय मूत्राशय भी इस समस्या को जन्म दे सकते हैं। गर्भावस्था या मूत्राशय की पथरी भी इसके कारण हो सकते हैं।
अन्य कारण और जोखिम
कभी-कभी बार-बार पेशाब लगना अस्थायी कारणों से भी हो सकता है, जैसे अधिक पानी, कैफीन या शराब का सेवन। तनाव, चिंता या ठंडा मौसम भी मूत्राशय को उत्तेजित कर सकता है। हालांकि, अगर यह समस्या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किडनी रोग, मूत्राशय का कैंसर या हार्मोनल असंतुलन का संकेत हो सकता है। महिलाओं में मेनोपॉज और पुरुषों में प्रोस्टेट वृद्धि इस समस्या को बढ़ा सकती है। मानसून में नमी के कारण UTI का खतरा अधिक होता है, इसलिए इस मौसम में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
बचाव के उपाय
बार-बार पेशाब की समस्या से बचने के लिए स्वच्छता और जीवनशैली में बदलाव जरूरी हैं। पर्याप्त पानी पिएं, लेकिन कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें। पेशाब को लंबे समय तक रोकने से बचें, क्योंकि यह मूत्राशय को कमजोर करता है। साबुन और पानी से नियमित स्वच्छता बनाए रखें, खासकर महिलाएं आगे से पीछे की ओर साफ करें। फाइबर युक्त आहार और नियमित व्यायाम मूत्राशय को स्वस्थ रखता है। पेल्विक फ्लोर एक्सरसाइज (केगल) मूत्राशय की मांसपेशियों को मजबूत करती हैं। डायबिटीज के मरीज नियमित ब्लड शुगर की जांच करें।
चिकित्सीय सलाह
बार-बार पेशाब लगना सामान्य लग सकता है, लेकिन इसे नजरअंदाज न करें। अगर यह समस्या 2-3 दिन से अधिक बनी रहे या पेशाब में जलन, खून या बुखार जैसे लक्षण हों, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यूरिन टेस्ट, ब्लड टेस्ट या अल्ट्रासाउंड से सटीक कारण का पता लगाया जा सकता है। स्वच्छता, संतुलित आहार और पर्याप्त पानी पीने से इस समस्या को रोका जा सकता है।