छत्तीसगढ़ की बलरामपुर पुलिस ने शातिर ठगों के एक गिरोह का भंडाफोड़ कर महिला सहित पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। पकड़ी गई महिला ही इस फ्रॉड कंपनी की निदेशक थी। आरोपियों ने वाहन फाइनेंस कराने पर सब्सिडी का झांसा देकर छत्तीसगढ़ और झारखंड सहित अन्य प्रदेशों में 2700 लोगों से करोड़ों रुपये ठगी की है। आरोपियों के पास से कार, मोबाइल और 40 हजार रुपये पुलिस ने बरामद किए हैं। 

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए आरोपी मल्लिकार्जुन ट्रेडिंग एंड सर्विस प्राइवेट लिमिटेड के नाम से फाइनेंस कंपनी का संचालन करते थे। आरोपी झांसा देते कि उनकी कंपनी से वाहन फाइनेंस कराने पर 40 प्रतिशत की छूट मिलेगी। यानी कि ग्राहक को सिर्फ 60 फीसदी रकम देनी होगी, बाकी पैसा कंपनी की ओर से बैंक को भरा जाएगा। यह 60 प्रतिशत रकम भी उन्हें कंपनी में जमा करानी होगी। 

आरोपियों के झांसे में आकर कई लोगों ने रुपये कंपनी के खाते में जमा करा दिए। इसके बाद लोगों को वाहन तो मिला, लेकिन डाउन पेमेंट के अलावा बैंक को कोई रकम नहीं दी गई। किश्त को लेकर जब खरीदारों को नोटिस मिलने लगा तो फर्जीवाड़े का पता चला। इस धोखाधड़ी का शिकार बसकेपी निवासी मनोज कुमार भी हुआ। उसके माध्यम से 42 अन्य लोगों ने कंपनी के खाते में 40 लाख रुपये जमा किए थे। 

छत्तीसगढ़ में ही 700 लोगों को बनाया शिकार
मनोज ने इसकी शिकायत सिटी कोतवाली में दर्ज कराई तो पुलिस ने जांच शुरू की। इसमें यह भी पता चला कि कंपनी ने अकेले छत्तीसगढ़ में ही कपंनी ने 700 लोगों से ठगी की है। इसके बाद पुलिस ने रांची निवासी कंपनी की डायरेक्टर संगीता गोप, बलरामपुर निवासी एजेंट रंजीत खलखो, कपिलदेव कातिया, डाल्टनगंज निवासी उसके सहयोगी धमेंद्र सिंह और गुमला निवासी गोविंद महली को गिरफ्तार कर लिया।