उमरिया ।   जिले के लोक स्वास्थ्य यांत्रिकीय विभाग में 18 वर्ष पूर्व हुए निविदा घोटाले में अदालत ने तत्कालीन कार्यपालन यंत्री, एसडीओ और मानचित्रकार को 5-5 वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। तीनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक ताला मानपुर मे आरसीसी ओव्हर हेड टैंक एवं सम्पवेल कम पम्प हाउस निर्माण के लिए विभाग ने विगत 2004-05 मे पुनरीक्षित निविदा आमंत्रित की थी। जिसमे कुल 10 निविदाकारों ने हिस्सा लिया था।

निर्धारित तिथि पर अनुविभागीय अधिकारी वीके मरावी एवं मानचित्रकार आरएल विश्वकर्मा द्वारा सभी निविदाकारों के समक्ष की निविदायें खोली गयीं। जिसमे उक्त कार्य के लिए सबसे कम दरें मेसर्स केबी गुप्ता क्योतरा बांदा उप्र की रिवाईज्ड ऑफर ओएचटी के स्तम्भ मे रूपये 9 लाख एवं सम्पवेल के स्तम्भ मे रूपये 4 लाख 19 हजार 500 रूपये पाई गई और यह टेण्डर संबंधित फर्म को प्राप्त हुआ था।

कर ली सांठगांठ

एक माह बाद फर्म के मालिक केबी गुप्ता को जानकारी मिली कि उनकी दरें न्यूनतम होने के बावजूद अधिकारियों ने लेनदेन व सांठगांठ कर सेकेण्ड लोवेस्ट फर्म मे. मोहनदयाल भार्गव की निविदा स्वीकृत करने प्रकरण उच्च अधिकारियों को प्रेषित की गई है। इससे व्यथित हो कर प्रथम निविदाकार किशन बाबू गुप्ता ने मुख्य अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी जबलपुर तथा लोकायुक्त कार्यालय भोपाल को लिखित शिकायत की। जिस पर लोकायुक्त द्वारा प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई शुरू की गई।

दर्ज किया अपराध

लोकायुक्त द्वारा संबंधित निविदा से संबंधित अभिलेखों की जांच तथा आरोपीगणों के कथन उपरांत प्रथम दृष्टतया दोषी पाये जाने पर तत्कालीय कार्यपालन यंत्री एएच प्रधान के विरूद्ध धारा 471, 477क सहपठित धारा 120बी, आरएल विश्वकर्मा के विरूद्ध धारा 468, 471, 477क सहपठित धारा 120बी एवं सहायक यंत्री वीके मरावी के विरूद्ध धारा 468 सहपठित धारा 120 बी का अपराध पंजीबद्ध किया गया। शासन की ओर से प्रकरण मे पैरवी एडीपीओ केआर पटेल द्वारा की गई।

तीनों अभियुक्तों को भेजा जेल

विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम उमरिया द्वारा प्रकरण के सूक्ष्म परिशीलन के उपरांत दोषी पाये जाने पर अभियुक्त एएच प्रधान को धारा 465 एवं 120बी मे दो वर्ष का कठोर कारावास व 2000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 477क व धारा 120बी मे पांच वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

जबकि वीके मरावी को धारा 468 व120बी मे पांच वर्ष का कठोर कारावास, 5000 रूपये के अर्थदण्ड एवं आरएल विश्वकर्मा को धारा 468 तथा120बी मे पांच वर्ष का कठोर कारावास व 5000 रूपये का अर्थदण्ड, धारा 465 सहपठित धारा 120बी मे दो वर्ष का कठोर कारावास, 2000 का अर्थदण्ड एवं धारा 477क तथा 120 बी मे पांच वर्ष के कठोर कारावास व 5000 रूपये के अर्थदण्ड का आदेश पारित किया गया है।