इंडियन पीनल कोड (आईपीसी), क्रिमिनल प्रोसिजर कोड (CrPC) और एविडेंस एक्ट की जगह लेने वाले विधेयकों की आज संसदीय समिति द्वारा जांच की जाएगी। गृह मामलों की संसदीय समिति इन विधेयकों की जांच करेगी और गृह सचिव अजय भल्ला भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य विधेयक पर समिति के सदस्यों के सामने प्रजेंटेशन (प्रस्तुतिकरण) देंगे।

बता दें कि उक्त तीनों विधेयक मौजूदा आपराधिक कानूनों आईपीसी, सीआरपीसी और एविडेंस एक्ट की जगह लेंगे। सरकार ने मानसून सत्र के दौरान इन विधेयकों को लोकसभा में पेश किया था। सरकार ने विधेयक पेश करते हुए कहा था कि इन विधेयकों को लोगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।

संसद की स्थायी समिति तीन महीने में अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी। ऐसे में सरकार संसद के अगले सत्र में इन विधेयकों को सदन में पेश कर सकती है। भाजपा नेता बृजलाल संसद की गृह मामलों की स्थायी समिति के अध्यक्ष हैं।केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इन विधेयकों को लोकसभा में पेश किया और कहा कि ये विधेयक भारत की न्याय व्यवस्था को बदल देंगे।

अमित शाह ने ये भी कहा कि इन विधेयकों के लागू होने के बाद लोगों को समय से न्याय मिल सकेगा। सरकार की कोशिश है कि शीतकालीन सत्र में चर्चा के बाद ये विधेयक संसद से पारित करा लिए जाएं। इन विधेयकों पर चर्चा के लिए संसद की स्थायी समिति की आने वाले दिनों में कई बैठकें होंगी।