सनातन धर्म में चैत्र माह का विशेष महत्व है. इसी महीने के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होती है और इसी दिन से शक्ति उपासना का पर्व चैत्र नवरात्रि भी शुरू होता है. चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों में माता दुर्गा के नव अलग-अलग स्वरूप की पूजा होती है. धार्मिक मान्यता है कि अनुसार चैत्र नवरात्रि पर मां दुर्गा की पूजा करने से जीवन से सभी कष्ट दूर होते हैं और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि चैत्र माह के प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 को रात 11 बजकर 51 मिनट पर शुरू हो रही है जो अगले दिन यानी 9 अप्रैल को रात 8 बजकर 29 मिनट पर समाप्त होगा. इस लिहाज से उदयातिथि के अनुसार 9 अप्रैल 2024 से ही चैत्र नवरात्रि और हिंदू नव वर्ष की शुरुआत होगी. गौरतलब है कि इस बार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत खरमास में हो रही है. खरमास की शुरुआत 14 मार्च से हो चुकी है, जो 13 अप्रैल तक है.

इस मुहूर्त में करें कलश स्थापित
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि धार्मिक मान्यता है कि चैत्र नवरात्रि में देवी दुर्गा के 9 अलग-अलग स्वरूपों की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है. इस दौरान मां दुर्गा के भक्त माता को प्रसन्न करने के लिए 9 दिनों तक लगातार उपवास, साधना और मंत्रोचार करते हैं. नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना करनी चाहिए. हिन्दू पंचांग के अनुसार,9 अप्रैल को सुबह 6 बजकर 24 मिनट से 10 बजकर 28 मिनट तक का समय कलश स्थापना के लिए बेहद शुभ है.

अभिजीत मुहूर्त में दो अद्भुत संयोग
पंडित संजय उपाध्याय ने बताया कि चैत्र नवरात्रि में इस बार कई अद्भुत संयोग भी बन रहे हैं. इस दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग का अद्भुत संयोग बनेगा. अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रहा है जो 12 बजकर 54 मिनट तक रहेगा. जबकि अमृतसिद्धि और सर्वार्थ सिद्धि योग 09 अप्रैल को सुबह 07 बजकर 32 मिनट से लेकर पूरे दिन तक रहेगा.