भोपाल । मध्य प्रदेश कांग्रेस पार्टी के नए अध्यक्ष को पद ग्रहण करे करीब 9 महीने का समय बीत गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने अपनी कार्यकारिणी नहीं बन पाए हैं। इसकी प्रमुख वजह कांग्रेस के नेताओं में आपसी सामंजस्य नहीं बन पाना माना जा रहा। हालांकि जीतू पटवारी कई बार कह चुके हैं कि अगले हफ़्ते कार्यकारिणी की लिस्ट जारी हो जाएगी। अब माना जा रहा है कि नवरात्रि के समय कांग्रेस अपनी कार्यकारिणी घोषित कर सकती है। इसे लेकर जीतू पटवारी लगातार दिल्ली दरबार के चक्कर काट रहे हैं। शुक्रवार को भी वे दिल्ली दौरे पर पहुंचे और आला कमान से मुलाकात की है।
 भाजपा प्रदेश प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि तारीख पर तारीख मिलती है, जज साहब वाला फिल्मी डायलॉग जीतू पटवारी के लिए ही लिखा गया होगा। कांग्रेस प्रदेश प्रभारी जितेंद्र भंवर सिंह समेत जीतू कई बार कह चुके हैं कि 10 दिनों के अंदर एमपी में नई कार्यकारिणी होगी। इसे लेकर जीतू की दिल्ली दौड़ भी जारी है और दिल्ली है कि सूची पर रजामंदी ही नहीं जता रही। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि हाईकमान भी प्रदेश प्रभारी या प्रदेशाध्यक्ष के बदलाव का इंतजार कर रहा है। सलूजा ने यह भी कहा कि जितेंद्र या जीतू में किसी न किसी की फाइल कांग्रेस हाईकमान जरूर निपटाएगा। तंज यह भी कसा कि 09 माह से अध्यक्ष का पद संभाल रहे जीतू शायद वार्षिकी की इंतजार कर रहा है। इंदौर समेत अन्य जिलों की हालत इतनी खराब है कि जिला अध्यक्ष को लेकर ही मंथन विचारों से बाहर नहीं आ पा रहा है। अजब कांग्रेस की यही गजब कहानी है। हालात ऐसे कि जीतू पटवारी के नेतृत्व में पार्टी गई तेल लेने।
भाजपा नेताओं के इस सवाल पर काग्रेस ने भी पलटवार किया है। कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता संगीता शर्मा ने कहा कि पार्टी की चिंता करने वाली भाजपा को अपनी चिंता नहीं है। वीडी शर्मा का कार्यकाल खत्म हो चुका है। नए अध्यक्ष का अता पता नहीं है। गुटबाजी ऐसी कि केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक के खिलाफ पार्टी के दो बड़े नेताओं ने मोर्चा खोला। रीवा से लेकर सागर में भाजपा अंतद्र्वंद का शिकार है। भाजपा प्रदेश संगठन में हालात ऐसी है कि दिल्ली रिमोट से कभी भी प्रदेश में कई विकेट गिर सकते हैं। यह भी कहा कि कांग्रेस पर बयानबाजी करने से बहतर है कि भाजपा अपनी सरकार को देखें। जहां अब महिलाएं, युवतियां ही नहीं बल्कि बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। दूसरी पार्टी की खबर रखने का दावा करने वाली भाजपा ने राजधानी भोपाल में दुष्कर्म के बाद हत्या का शिकार हुई पांच वर्षीय बच्ची के परिजनों की तक खबर नहीं ली।