हैदराबाद । आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्टेशन में चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन गुरुवार को दोपहर 1.05 बजे शुरू हो गया। लॉन्चिंग शुक्रवार दोपहर 2:35 बजे सतीश धवन स्पेस सेंटर से होगी। चंद्रयान-3 को अंतरिक्ष में ले जाने के लिए अपग्रेडेड बाहुबली रॉकेट यानी लॉन्च व्हीकल मार्क-3 तैयार है। एमवी-3 का लॉन्चिंग सक्सेस रेट 100 प्रतिशत है। मिशन की सफलता के लिए इसरो के वैज्ञानिक तिरूपति वेंकटचलापति मंदिर पहुंचे। पूजा के लिए वैज्ञानिक चंद्रयान-3 का मिनिएचर मॉडल भी अपने साथ ले गए। चंद्रयान 24-25 अगस्त को चांद पर उतरेगा। अगले 14 दिन रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। रोवर के चलने से पहिए के जो निशान चंद्रमा की सतह पर बनेंगे, उनकी तस्वीर भी लैंडर भेजेगा।

चांद पर राष्ट्रध्वज लगाने वाला चौथा देश बनेगा भारत
भारत चंद्रमा पर राष्ट्रध्वज पहुंचाने वाला चौथा देश बनेगा ही, चांद के दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंचने वाला पहला देश भी होगा। यह वही इलाका है जहां चंद्रयान-1 के दौरान मून इंपैक्ट प्रोब छोड़ा था और इसरो ने पानी होने का पता लगाया था। यहीं चंद्रयान-2 की क्रैश लैंडिंग हुई थी।

इस बार लैंडर में चार ही इंजन, पांचवां हटाया
इस बार लैंडर में चारों कोनों पर लगे चार इंजन (थ्रस्टर) तो होंगे, लेकिन पिछली बार बीचोंबीच लगा पांचवां इंजन हटा दिया गया है। इसके अलावा फाइनल लैंडिंग केवल दो इंजन की मदद से ही होगी, ताकि दो इंजन आपातकालीन स्थिति में काम कर सकें। इसी तरह इस बार ऑर्बिटर नहीं है, लेकिन प्रोपल्शन मॉड्यूल होगा जो लैंडर और रोवर से अलग होने के बाद भी चंद्रमा की परिक्रमा में घूमेगा और चंद्रमा से धरती पर जीवन के लक्षण पहचानने की कोशिश करेगा। भविष्य में इस डेटा का इस्तेमाल अन्य ग्रहों, उपग्रहों और तारों पर जीवन की खोज में हो सकेगा।