बॉलीवुड फिल्मों में नायक की छवि बहुत मायने रखती है और कलाकार अक्सर अपनी इस छवि के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहते, कहीं उनका चाहने वाला दर्शक रूठ ना जाए। मगर, कुछ कलाकार हैं, जिन्होंने अपने करियर में ऐसा जोखिम उठाया है।

भारतीय सिनेमा के थेस्पियन कहे जाने वाले दिलीप कुमार को दर्शकों ने ज्यादातर सकारात्मक किरदारों में ही देखा, मगर कुछ फिल्मों में उन्होंने भी नेगेटिव किरदार निभाये हैं। दिलीप कुमार ने 5 दशक से ज्यादा लम्बे करियर में महज 65 के आसपास फिल्में ही कीं, मगर जो कीं, उनमें से ज्यादार क्लासिक मानी जाती हैं। 

'किला' में निभाया डबल रोल, एक था खलनायक

नायक के तौर हर फिल्म में उनके किरदारों का चरित्र चित्रण लगभग अलग ही रहता था। प्रतिनायक से लेकर खलनायक तक के किरदार दिलीप कुमार ने अपने करियर में निभाये।

उनका ऐसा ही एक किरदार उनकी आखिरी रिलीज फिल्म 'किला' में भी था, जो ठीक 25 साल पहले 10 अप्रैल 1998 को रिलीज हुई थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार ने जुड़वां भाइयों की दोहरी भूमिकाएं निभायी थीं, जिनमें से एक जज अमरनाथ सिंह और दूसरा जालिम जमींदार जगन्नाथ सिंह का था।
जमींदार वाला किरदार पूरी तरह नेगेटिव था। यहां तक कि दुष्कर्म भी करता है। हालांकि, जगन्नाथ सिंह, 1954 की फिल्म अमर के किरदार से इंसानी जज्बात के तौर पर बिल्कुल अलग था।

'अमर' के किरदार से अलग था जगन्नाथ

जगन्नाथ, जहां अपने किये पर बिल्कुल शर्मिंदा नहीं होता, क्योंकि स्वभाववश वो ऐसा है। वहीं, 'अमर' अपनी भूल पर घुटता रहता है, जिसकी झलक उसकी आंखों में नजर आती है।

अमर जैसा जोखिमभरा किरदार दिलीप कुमार ने तब निभाया था, जब इंडस्ट्री में आये हुए उन्हें 10 साल हो चुके थे और वो अपने करियर के शीर्ष पर थे।

नेगेटिव किरदारों पर क्या सोचते थे दिलीप कुमार?

अपने नेगेटिव किरदारों को लेकर दिलीप साहब ने अपनी आत्मकथा 'दिलीप कुमार: द सब्सटेंस एंड द शैडो' में लिखा- ''महबूब खान की 'अमर' में मैंने जो किरदार निभाया, वो बेहद अपमानजनक काम करता है। जिया सरहदी की 'फुटपाथ' का किरदार कालाबाजारी करता, वो आभाहीन हीरो था।
फिर भी, वो फिल्में 'गंगा जमना' जैसी सफल नहीं रहीं। 'गंगा जमना' का हीरो कानून की गलत साइड में था, मगर जनता का सहानुभूति उसके साथ थी।''
'गंगा जमना' 1961 में आयी थी। इस फिल्म में दिलीप कुमार के किरदार का नाम जमना था, जो जमींदार के जुल्म के बाद एंटी होरी बनता है। यह भी संयोग है कि गंगा जमना में जमींदार के जुल्म सहने वाले दिलीप कुमार अपनी आखिरी फिल्म में खुद ऐसे किरदार मे नजर आए।

क्या थी 'किला' की कहानी?

'किला' मर्डर मिस्ट्री थ्रिलर है। उमेश मेहरा निर्देशित फिल्म में रेखा, मुकुल देव, ममता कुलकर्णी, स्मिता जयकर, गुलशन ग्रोवर, दिवंगत सतीश कौशिक ने प्रमुख भूमिकाएं निभायी थीं।
जगन्नाथ सिंह का कत्ल हो जाता है। असली कातिल को पकड़ने के लिए अमरनाथ सिंह जांच शुरू करता है। संदेह के घेरे में जगन्नाथ का बेटा (मुकुल देव) और दूसरा जमींदार मंगल सिंह (गुलशन ग्रोवर) भी आते हैं। सवाल अमरनाथ पर भी उठते हैं, क्योंकि वो अपने भाई को पसंद नहीं करता था।
मगर, अंत में खुलासा होता है कि कत्ल यामिनी (रेखा) ने किया था, जिसके साथ जगन्नाथ दुष्कर्म करता है और उसके भाई पर अत्याचार। किला नेटफ्लिक्स पर देखी जा सकती है।

जिस वक्त' किला' रिलीज हुई थी, दिलीप कुमार उम्र का 75वां पड़ाव पार कर चुके थे। इसके बाद उन्होंने कोई फिल्म नहीं की। दिलीप कुमार का निधन 2021 में 7 जुलाई को हो गया।