भोपाल । भोपाल नगर निगम में ईपीएफ की राशि में गड़बड़ी सामने आई है। निगम ने 5 साल तक कर्मचारियों के पीएफ अकाउंट में 41 करोड़ रुपए जमा नहीं कराए, लेकिन उनके हिस्से की 12 प्रतिशत राशि वसूल की गई। बीजेपी पार्षद देवेंद्र भार्गव की आपत्ति के बाद अब जांच कराई जा रही है। पार्षद भार्गव ने यह मांग भी की है कि जिन्होंने यह गड़बड़ी की, उन पर एफआईआर दर्ज कराई जाए। इस मामले में पिछले 2 दिन से जांच की जा रही है।
इस मामले में निगम अध्यक्ष किशन सूर्यवंशी ने कहा कि ईपीएफ राशि के मामले में पार्षद भार्गव ने कुछ तथ्य रखे हैं। आसंदी से वकील और जिम्मेदारी अधिकारी की भूमिका की जांच करने को कहा है। कमिश्नर जांच करेंगे। वहीं, महापौर मालती राय ने कहा कि ईपीएफ की राशि पुरानी है। इस मामले में कमिश्नर से विचार-विमर्श हो चुका है।
यह है मामला
वर्ष 2016 से 2020 के बीच निगम ने कर्मचारियों की अपने हिस्से की पीएफ राशि जमा नहीं कराई। दूसरी ओर, कर्मचारियों से 12 प्रतिशत राशि नियमित रूप से वसूल की गई। इसे भी ईपीएफओ में जमा नहीं कराया। पार्षद भार्गव ने जब जानकारी निकाली तो बड़ी गड़बड़ी उजागर हो गई। इसलिए उन्होंने 10 फरवरी को निगम परिषद की मीटिंग में यह मुद्दा उठाया था। इसी मामले में दोषी अधिकारियों की जांच की जा रही हैं।
निगम पर 21 करोड़ रुपए की पैनाल्टी भी लगाई
पार्षद भार्गव ने कहा कि निगम कर्मचारियों की राशि जमा नहीं कराकर उनके साथ नाइंसाफी की गई है। दूसरी ओर, ईपीएफओ ने निगम पर 21 करोड़ रुपए की पैनाल्टी भी लगा दी है। जिन अधिकारियों की गलती से ये हुआ है, उन पर कार्रवाई हो। एफआईआर दर्ज की जाए। पार्षद का कहना है कि निगम के अधिकारियों की ईपीएफ राशि नियमित रूप से जमा की गई है, लेकिन कर्मचारियों की नहीं। ये अमानत में खयानत का मामला है। केस दर्ज होना चाहिए। यह गंभीर मामला है।