मयूरभंज में हाथी ने ली महिला की जान
भुवनेश्वर । ओडिशा के मयूरभंज जिले में एक 70 वर्षीय महिला की जंगली हाथी के हमले में मौत हो गई, उसके बाद उस हाथी ने महिला के अंतिम संस्कार में भी बाधा डाली। हाथी ने अंतिम संस्कार के लिए चिता पर रखे शव को उठाकर जमीन पर पटका और उसे पैरों से कुचलने लगा। इसके बाद हाथी जंगल की ओर भाग गया। इस घटना से दहशत में आए ग्रामीणों ने बाद में महिला के शव का अंतिम संस्कार किया।
पुलिस ने बताया कि माया मुर्मू 9 जून की सुबह रायपाल गांव में एक ट्यूबवेल से पानी भर रही थीं, तभी उन पर दलमा वन्यजीव अभयारण्य से भटक कर आए एक जंगली हाथी ने हमला कर दिया। रसगोविंदपुर पुलिस थाने के निरीक्षक लोपामुद्रा नायक ने बताया कि हाथी ने महिला को अपने पैरों से कुचल दिया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। इसी दिन शाम को जब माया मुर्मू के परिजन उनका अंतिम संस्कार कर रहे थे, तभी यह जंगली हाथी अचानक वहां भी पहुंच गया और महिला के शव को चिता से उठा लिया। एक प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक हाथी ने महिला के शव को पहले खूब रौंदा, फिर उठाकर दूर फेंक दिया और भाग गया। इसके कुछ घंटों के बाद मृत महिला का अंतिम संस्कार किया गया।
इससे पहले फरवरी में ओडिशा के ढेंकानाल जिले में बरामदे में सो रहे बाप-बेटे को हाथी ने कुचल दिया था। इस घटना में ऋषि जेरेई नाम के 5 वर्षीय बच्चे की मौत हो गई थी, जबकि पिता रसानंद जेरेई गंभीर रूप से चोटिल हो गए थे। यह दर्दनाक घटना कामाख्या नगर के पश्चिमांचल रेंज अंलावेरणी फारेस्ट सेक्शन अन्तर्गत महुलडगर गांव में घटी थी। इस साल अप्रैल में राज्यसभा में पेश किए गए एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में पिछले 5 साल में बाघ, तेंदुए या शेर के हमले में 181 लोगों की मौत हुई है, वहीं हाथी के हमले में 2500 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है।
जानकारों का कहना है कि जानवरों के व्यवहार में यह बदलाव इंसानों के कारण हुआ है, जो जंगलों में इनके विचरण के रास्तों और रहने के स्थानों पर लगातार कब्जा करते जा रहे हैं। राज्यसभा में 2017 से 2021 के बीच हाथियों के हमले में इंसानी मौत के जो आंकड़े दिए गए हैं, उनमें सबसे ज्यादा प्रभावित ओडिशा है। कर्नाटक, केरल, महाराष्ट्र, उत्तराखंड की स्थिति भी गंभीर है।
गत पांच वर्षों के दौरान देश के 16 राज्यों में हाथियों के हमले में इंसानों की मौत रिपोर्ट की गई है, जिसमें कुल 2525 लोगों की जान गई है। राज्यसभा में पेश आंकड़ों के मुताबिक बीते 5 वर्षों में हाथियों के हमले से ओडिशा में 453, असम में 413, झारखंड में 388, पश्चिम बंगाल में 365, छत्तीसगढ़ में 328 मौतें हुई हैं। आपको बता दें कि उपरोक्त राज्यों में वन क्षेत्र काफी अधिक मात्रा में है। वहीं, गत पांच वर्षों के दौरान देश में बाघ, तेंदुए या शेर के हलमें में महाराष्ट्र में 55, यूपी में 41, पंश्चिम बंगाल में 34, मध्य प्रदेश में 14 और राजस्थान में 07 लोगों की मौत हुई है।