नई दिल्ली । भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी (इसरो) की योजना के मुताबिक चंद्रयान-3 की लांच की तैयारी में जुटा हैं। इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ और इसके बड़े अधिकारी चंद्रयान की लॉन्चिंग की तैयारियों की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने अंतरिक्ष केंद्र के पास चंगलम्मन देवी मंदिर में लांच से पहले प्रार्थना की। 
इसरो के अध्यक्ष सोमनाथ ने कहा कि ‘चंद्रयान-3 अपनी लंबी यात्रा शुक्रवार को शुरू करेगा और पृथ्वी की परिक्रमा करेगा, इसके बाद यह 30 दिनों में धीरे-धीरे अगले चरण में चंद्रमा की यात्रा करेगा।  यदि सब कुछ ठीक रहा, तब हम 23 अगस्त के आसपास या उसके बाद के दिनों में चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की उम्मीद कर रहे हैं। चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 मिशन के बारे में उन्होंने कहा कि पहला भारतीय चंद्र मिशन छह महीने से अधिक समय तक चला था और चंद्रमा पर पानी की मौजूदगी पाई थी। जबकि चंद्रयान-2 मिशन में पानी तरल अवस्था में पाया गया था और चंद्रमा पर इसकी पुष्टि भी की।
इसरो अध्यक्ष ने कहा कि पिछला प्रत्येक मिशन अपने तरीके से सफल रहा। उन्होंने कहा कि ‘मुझे चंगलम्मा देवी (मंदिर की प्रमुख देवी) के आशीर्वाद की जरूरत है, इसलिए मैं चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के लिए प्रार्थना करने के लिए यहां आया हूं। इससे पहले दिन में इसरो मुख्यालय के अधिकारियों की टीम ने तिरुमाला में प्रतिष्ठित वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में पूजा-अर्चना की थी। जिसे आमतौर पर तिरूपति मंदिर के रूप में जाना जाता है। 
एस. सोमनाथ की अध्यक्षता में इसरो का मकसद उन विशिष्ट देशों की सूची में शामिल होना है, जिन्होंने चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में महारत हासिल कर ली है। वर्ष 2008 में पहले चंद्र मिशन के साथ शुरू हुई चंद्रयान श्रृंखला के बारे में एक अनोखी समानता उसका तमिलनाडु से संबंध है। तमिलनाडु में जन्मे मयिलसामी अन्नादुरई और एम. वनिता के क्रमश: चंद्रयान-1 और चंद्रयान-2 का नेतृत्व करने के बाद अब विल्लुपुरम के मूल निवासी पी. वीरमुथुवेल तीसरे मिशन का नेतृत्व कर रहे हैं।