कोरबा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कर्मचारियों की लापरवाही के कारण मरीजों की जान जोखिम में आ गई। बताया जा रहा है कि सीएसईबी कॉलोनी निवास एक बुजुर्ग महिला की तबीयत अचानक बिगड़ गई। परिवार वालों ने उसे इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया। जहां उसका उपचार सप्ताह भर से प्रथम तल स्थित महिला वार्ड में चल रहा था। उनकी तबीयत में लगातार उपचार के बाद काफी हद तक सुधार भी आ गया। 

रविवार की रात बुजुर्ग महिला के साथ उनका पुत्र वार्ड में मौजूद था। इस दौरान रात्रि पाली में तैनात महिला स्वास्थ्य कर्मी वार्ड में पहुंची और बुजुर्ग महिला को ड्रिप लगाकर अपने काम में व्यस्त हो गई। यह ड्रिप महिला के शरीर में पूरा जा पाता इससे पहले उनके पुत्र की नजर ड्रिप के बोतल में लगे रेपर पर पड़ी। उस में दर्ज तिथि को देखते हुए पुत्र के होश उड़ गए। दरअसल ग्लूकोज के ड्रिप में निर्माण तिथि दिसंबर 2019 और एक्सपायरी डेट नवंबर 2022 दर्ज था। लिहाजा बुजुर्ग मरीज को लगाया हुआ ड्रिप एक्सपायर हो गया था।

इसकी जानकारी मरीज के पुत्र ने तत्काल नर्स रूम में पहुंच कर दी। जानकारी होते ही ड्यूटी में तैनात कर्मचारियों के होश उड़ गए। सभी भागते हुए मरीज के पास पहुंचे और उन्होंने ड्रिप के बोतल को देखा तो बात सही निकली। महिला स्वास्थ्य कर्मियों ने तत्काल ड्रिप को हटा दिया इसके साथ ही अन्य मरीज को लगाए गए ड्रिप की जांच पड़ताल की गई। जांच करने पर एक अन्य मरीज को भी लगा ड्रिप एक्सपायरी मिला जिसे हटाकर दूसरा ड्रिप लगाया गया।

मामला सामने आते ही अस्पताल प्रबंधन के कान खड़े हो गए। प्रबंधन ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल आला अफसरों को अवगत कराया इसके साथ ही सोकाज नोटिस जारी करते हुए वार्ड इंचार्ज और नर्स को तत्काल प्रभाव अन्यत्र अटैच कर दिया गया। इस संबंध में मेडिकल कॉलेज के अधिष्ठाता डॉ. अविनाश मेश्राम से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि मामले में दो कर्मचारियों को शोकाज नोटिस जारी करते हुए अन्यत्र अटैच किया गया है। जांच उपरांत दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।