सतना ।   विधानसभा आम चुनाव के नतीजे आने के बाद सतना विधानसभा सीट पर हार होने के बाद भाजपा में समीक्षा और चिंतन- मनन के दौर शुरू हो गए हैं। अपने- परायों को चिह्नित किए जाने और बेवफाई करने वालों को दूर करने का सिलसिला शुरू हो गया है। इन्ही कवायदों के बीच सतना सांसद और सतना सीट से भाजपा प्रत्याशी रहे गणेश सिंह ने अपने दो सांसद प्रतिनिधि एवं रेल चलकर समिति के सदस्य को हटाने की सिफारिश की है।

सांसद ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर दिया है

सांसद गणेश सिंह ने अपने दो सांसद प्रतिनिधियों पूर्व पार्षद नीरज शुक्ला और मैहर मंडी के पूर्व अध्यक्ष संजय राय को पद से हटा दिया है। इसी तरह कभी उनके नजदीकी रहे व्यापारी नेता हरिओम गुप्ता को दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य पद से हटाने की सिफारिश भी कर दी है। पूर्व पार्षद नीरज शुक्ला के इस बार नगर निगम न पहुंच पाने को ध्यान में रखते हुए पिछले वर्ष ही सांसद गणेश सिंह ने शुक्ला को नगर निगम में सांसद प्रतिनिधि नियुक्त किया था। राय को भी आयुष्मान तथा स्वास्थ्य एवं सामाजिक कल्याण योजना के लिए सांसद प्रतिनिधि बनाया गया था। लेकिन अब दोनों की नियुक्ति निरस्त करने सांसद ने कलेक्टर को पत्र प्रेषित कर दिया है।

पार्टी और सांसद की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे

सूत्रों की मानें तो नीरज शुक्ला को सांसद खेमे का माना जाता रहा है लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में वे पार्टी और सांसद की अपेक्षा पर खरे नहीं उतरे। पार्टी और प्रत्याशी को उनका साथ नहीं मिल पाया लिहाजा सांसद ने पद छीन लिया। मैहर में सांसद के बेहद करीबियों में शुमार रहे संजय राय तो बदलाव की बयार के फेर में पड़ कर ऐसा बहे कि उन्होंने चुनावी दौर में भाजपा का दामन छोड़ कांग्रेस का हाथ ही पकड़ लिया। नतीजतन सांसद ने उन्हें भी पद मुक्त कर दिया।

भारी पड़ा बीजेपी से चुनाव लड़ना

दूरसंचार सलाहकार समिति के सदस्य रहे व्यापारी नेता हरिओम गुप्ता को भी सांसद के मुकाबले नारायण त्रिपाठी की विन्ध्य जनता पार्टी बीजेपी से चुनाव मैदान में कूदना महंगा पड़ा है। चुनाव में हरिओम गुप्ता को महज 1644 वोट मिले और उनकी जमानत जब्त हो गई। अब सांसद ने उन्हें टीएसी से हटाने की सिफारिश भी कर दी।

ढाई दशक में सांसद की यह पहली पराजय है

बता दें कि सतना विधानसभा सीट पर हुए बेहद नजदीकी चुनावी मुकाबले में सतना सांसद गणेश सिंह को कांग्रेस के सिद्धार्थ कुशवाहा के हाथों 4041 मतों से हार का सामना करना पड़ा है। बीते ढाई दशक में सांसद की यह पहली पराजय है। यह तय माना जा रहा था कि गणेश सिंह सतना सीट से चुनाव जीतने और प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने पर किसी महत्वपूर्ण विभाग के मंत्री बनेंगे लेकिन भाजपाइयों के भितरघात ने भी इन संभावनाओं पर पानी फेरने में कसर नहीं छोड़ी।