Securities and Exchange Board of India: भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने निवेशकों  को कठिन नियमों की उलझनों से बचाने के लिए नियमों में बड़ा बदलाव किया है। सेबी शेयर बाजार पर पूरी तरह से नजर बनाए रखता है। नियमों के उलझनों के कारण कई निवेशक निवेश करने से कतराते थे, जैसे ही इस बात की जानकारी तथ्यों के साथ सेबी के पास पहुंची तो नियमों के बदलाव का खाका तैयार किया गया। सेबी ने हाल ही में ट्रेंडिंग के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। इस सर्कुलर के लागू होने के बाद निवेशकों को बड़ी राहत होने जा रही है। निवेशक अब कड़े और उलझाऊ कानूनों के पचड़ों से बचे रहेंगे और आसानी से निवेश भी कर सकेंगे। यह समाचार निवेशकों के लिए किसी खुशखबरी से कम नहीं है। सेबी द्वारा जारी किए नए सर्कुलर के पैन कार्ड नंबर, केवाईसी विवरण और नामांकन को खत्म कर दिया है।

रजिस्ट्रार एसोसिएशन आफ इंडिया और निवेशकों से मिले फीडबैक के बाद सेबी ने यह बड़ा फैसला लिया है। नियम के तहत सूचीबद्ध कंपनियों के भौतिक शेयर रखने वाले सभी धारकों के लिए पैन, नामांकन, संपर्क विवरण, बैंक खाता विवरण और उनके संबंधित फोलियो नंबरों के लिए नमूना हस्ताक्षर देना अनिवार्य था। सेबी ने बताया कि उन्होंने यह फैसला शेयर ट्रेड को आसान बनाने के लिए लिया है। इस नियम के बदलाव के बाद निवेशकों को हो रही अप्रत्याशित चुनौतियां काफी हद तक कम हो जाएगी। जब फोलियो को फ्रीज कर दिया जाता था तो निवेशकों को कई तरह की परेशानी का सामना करना पड़ता है।

मई में जारी सर्कुलर से फ्रीज शब्द हटा दिया गया है

सेबी ने मई के महीने में एक सर्कुलर जारी किया था, जिसके तहित जिन फोलियो का विवरण एक अक्टूबर, 2023 के बाद उपलब्ध नहीं होगा, उन्हें इश्यू एंड शेयर ट्रांसफर एजेंट (आरटीए) के रजिस्ट्रार द्वारा फ्रीज कर दिए जाने का प्रावधान किया गया था। सेबी के इस नियम से निवेशकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। कई निवेशकों ने निवेश करने से ही कतराने लगे थे, क्योंकि नियमों की पेचदगियों के कारण उन्हें यह कार्य बड़ा उलझाऊ लगने लगा था। सेवी ने निवेशकों की परेशानी को समझा और मई में जारी सर्कुलर में संशोधन कर फ्रीज शब्द को हटा दिया गया है। सेबी ने निवेशकों द्वारा आए सुझाव के बाद यह फैसला लिया है।