रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सरकार पूर्ववर्ती कांग्रेस की भूपेश बघेल सरकार की कई प्रमुख महत्वाकांक्षी योजनाओं की जांच करा रही है। प्रदेश की 700 से अधिक स्वामी आत्मानंद स्कूलों में 800 करोड़ का मेंटेनेंस घोटाले का आरोप लगने के बाद विधानसभा में स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने इसकी जांच करने की घोषणा की है।

इसी तरह रीपा योजना में पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने 600 करोड़ की गड़बड़ी की शिकायत पर जांच कराने का ऐलान किया है। खेलकूद एवं युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने राजीव युवा मितान योजना की जांच कराने का निर्णय लिया है। राज्य ही नहीं, केंद्र सरकार की योजनाओं में भी हुई गड़बड़ियों की जांच होगी। इनमें स्मार्ट सिटी योजना की जांच भी होगी। पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में हुई गड़बड़ियों की जांच लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए चुनावी हथियार के रूप में काम करेगा।

बता दें कि इसके पहले 2018 में भूपेश सरकार ने भी सत्ता में आते ही रमन सरकार की कई योजनाओं की जांच शुरू की थी। कई योजनाएं बंद की थी और अनेक योजनाओं के नाम बदल दिए थे। प्रदेश में आदिवासियों के लिए चल रही चरण पादुका योजना बंद हो गई थी। इसी तरह पं. दीनदयाल उपाध्याय के नाम से चल रही योजनाओं को बंद या फिर उनका नाम बदला गया था।

सीजीपीएससी भर्ती की जांच

भूपेश सरकार में हुई छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (सीजीपीएससी) की भर्ती परीक्षाओं की जांच भी सीबीआइ से कराने का निर्णय लिया गया है। कांग्रेस जहां पूर्ववर्ती भूपेश सरकार की योजनाओं को लेकर लोकसभा चुनाव में जनता के बीच जाने की तैयारी में थी, वहीं अब भाजपा पर इन्हीं योजनाओं पर कटाक्ष करती दिख रही है।

300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क की होगी जांच

रीपा यानी महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क योजना तत्कालीन भूपेश सरकार ने दो अक्टूबर 2022 में शुरू की थी। भूपेश सरकार ने इसके लिए खूब प्रचार प्रसार किया और राज्य में 300 रूरल इंडस्ट्रियल पार्क बनाया गया। इस योजना का उद्देश्य था कि ग्रामीण, गरीब परिवारों की आजीविका के लिए अतिरिक्त आय के साधन बने। अब विष्णुदेव सरकार ने इस योजना में भ्रष्टाचार की शिकायतों की जांच कराने जा रही है।