वन विभाग को तेंदुए के शिकार की आशंका है। PCCF के आदेश पर एक स्पेशल जांच टीम का गठन किया गया है। तेंदुए के गले पर फंदे के निशान मिले थे। पोस्टमार्टम के बाद उसका बिसरा भी सुरक्षित रखा गया है। दो दिन पहले तेंदुए का शव कोरर वन परिक्षेत्र के तरांदुल इलाके में मिला था। कोरर के बनोली में गुरूवार सुबह 8 साल के नर तेंदुए का शव मिला था। उसके गले में फंदे का निशान बना हुआ था। साथ ही उसके मुंह से खून भी निकला था। इसके चलते उसकी मौत को लेकर संदेह है। वन विभाग ने आपराधिक प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की है। मामला संदेहास्पद होने के कारण तेंदुए के शव का पोस्टमार्टम भी डॉक्टरों की टीम से कराया गया था।

दम घुटने से हो सकती है मौत- पशु चिकित्सक पीएल सरल ने बताया कि मृत नर तेंदुए के गले में गोल चोट के निशान हैं। इससे दम घुटने से मौत की आशंका है। बिसरा जांच के लिए लैब भेजा गया है। शरीर में कोई और चोट के निशान नहीं मिले थे। आशंका है कि किसी तरह वह फंदे से बाहर तो निकल गया, लेकिन बाद में चोट व दम घुटने से उसकी मौत हो गई। तेंदुए की लंबाई 1.10 मीटर, मोटाई 85 सेमी, ऊंचाई 75 सेमी, गर्दन 50 सेमी दर्ज की गई है।

मुख्य वन संरक्षक कांकेर राजू अगसीमनी ने बताया कि जांच टीम की ओर से उप परिक्षेत्र हाट कर्रा के आस-पास के ग्रामों और वन क्षेत्रों में निरंतर गस्ती का कार्य किया जा रहा है। साथ ही साथ टीम मृत तेंदुए के शिकार से संबंधित अपराधी का पता लगाने का कार्य भी किया जा रहा है।

कोरर के जंगल में है कई तेंदुए
कांकेर जिले के कोरर वन परिक्षेत्र में काफी संख्या में तेंदुए हैं। आए दिन वे बस्ती के नजदीक भी पहुंचते हैं। इलाके में तेंदुआ का आतंक भी देखने को मिलता है। कई ग्रामीणों और मवेशियों का भी तेंदुआ शिकार कर चुका है। इलाके के ग्रामीणों में तेंदुआ को लेकर हमेशा दहशत का माहौल देखने को मिलता है।