बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। बैतूल शहर में सभी प्रमुख सडक़ों की जो हालत है वह बड़ा राजनैतिक मुद्दा बन गया है। मीडिया में सडक़ों की बदहाली लगातार सूर्खिया बन रही है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस को भी जनता को दिखाने के लिए एक्शन मोड में आना पड़ा। विधानसभा चुनाव के बाद पहली बार पूर्व विधायक निलय डागा आंदोलन का नेतृत्व करने जिला कांग्रेस अध्यक्ष के साथ सडक़ पर उतरे और उन्होंने गंज क्षेत्र में सडक़ के गढ्डों में बेसरम और भाजपा का झंडा लगाकर नगरपालिका बैतूल को नरक पालिका बताते हुए सडक़ों की दुर्दशा के लिए भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया, कांग्रेसियों ने गढ्डों में सडक़ ढूंढने का आंदोलन किया, वहीं दूसरी और कांग्रेस को एक्शन में देखकर बैतूल विधायक भी एक्शन मोड में आ गए और उन्होंने नपा की आपातकालीन बैठक ली। इससे साफ हो गया कि सडक़ के गढ्डे बैतूल में बड़ा मुद्दा बन चुके है और इसका केन्द्र बिंदु बैतूल नगरपालिका है। नगरपालिका के इंजीनियर और सब इंजीनियर जिस तरह से निर्माण कार्य कराते है। उसको लेकर कांग्रेस और भाजपा दोनों में गुस्सा स्पष्ट रूप से दिखाई दिया है। सभी का मानना है कि मापदंड के अनुरूप सडक़ें नहीं बनाने की वजह से ही यह स्थिति बनती है। हर बारिश के बाद सडक़ें टूटने का मसला भाजपा के जनप्रतिनिधियों के लिए तनाव का विषय बन गया है और उन पर सीधे तौर पर ऊंगलियां उठ रही है। वहीं कांग्रेस के लिए अपने साथ आम लोगों को जोडऩे का मुद्दा हो गया है और उन्हें भाजपा के जनप्रतिनिधियों पर खुला हमला बोलने का मौका मिल गया है। हेमंत खण्डेलवाल ने अधिकारियों को दो टूक शब्दों में कहा कि बिना नाली के सडक़ न बनाए और जो सडक़ें बर्बाद हुई है उसके कारण जानने के लिए जांच पीडब्ल्यूडी से करवाई जाए। उन्होंने बैठक में आक्रामक लहजे में अधिकारियों से बात की। वहीं उन्होंने जो स्वीकृत निर्माण कार्य शुरू नहीं किए गए उस पर भी नाराजगी जाहिर की और कहा कि जल्द से जल्द काम शुरू करें जो ठेकेदार काम नहीं कर रहा उस पर नियमानुसार कार्यवाई करेंं।

- बड़ा सवाल : बाहर के ठेकेदारों को आखिर नपा के अधिकारी क्यों इतना पुचकारते है?
सडक़ोंं की बदहाली और निर्माण कार्यो की गुणवत्ता को लेकर जो सवाल उठ रहे है, उसका कारण भी खोजा जाना चाहिए। आखिर नगरपालिका के निर्माण कार्याे की क्या इंजीनियर नियमों के अनुसार मॉनीटरिंग नहीं करते है? नगरपालिका को लेकर लोगों का स्पष्ट रूप से कहना है कि जो बाहर के ठेकेदार है, उन्हें नगरपालिका के इंजीनियर इतना क्यों पुचकारते है, शहर में जो आदर्श सडक़ें बनती है वे क्यों टूट जाती है? जब उसकी मॉनीटरिंग प्रापर तरीके से इंजीनियर करते है तो यह स्थिति क्यों बनती है? भाजपा और कांग्रेस के नेता और जनप्रतिनिधियों को इस तरह के सवालों के साथ निर्माण कार्यो में लगे अधिकारियों से दो टूक बात करनी चाहिए।
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 03 सितम्बर 2024