बैतूल(हेडलाईन)/नवल वर्मा। हाल ही में एक नगरीय निकाय में कैशियर वाला विवाद सामने आया और इस विवाद के बाद एक समाज विशेष ने जिला मुख्यालय पर भी ज्ञापन दिया। इस में तथाकथित झण्डी-मुन्डी में से एक की मुंडी भीड़ के अंदर लोगों द्वारा देखी गई। इस मुंडी को देखने के बाद ही इस बात को बल मिल रहा है कि उक्त क्षेत्र को अपनी जागिर समझने वाले सत्ता के झंडी-मुंडी अब वहां के स्थानीय निकाय पर अपना कंट्रोल चाहते है। चूंकि वहां नगरीय निकाय जिसके बाद अध्यक्ष पद है, वह अपने दायरे में रहता है और झंडी-मुंडी की अपेक्षाओं को पूरा करने में रूचि नहीं लेता, इसलिए उसे अंडर प्रेशर लाने के लिए तमाम तरह के तिकड़म झंडी-मुंडी द्वारा किए जाते है और जो केशियर वाला घटनाक्रम है उस विवाद की चिंगारी को देने में भी झंडी-मुंडी ने ही महत्वपूर्ण रोल अदा किया है। सर्वविदित है कि जबसे वहां के नगरीय निकाय के चुनाव हुए है तबसे ही नगरीय निकाय के अधिकारियों या जनप्रतिनिधियों को लेकर लगातार खबरें प्लांट करवाई जा रही है। जब इस फार्मूले से ही काम नहीं जमा तो यह कैशियर वाले घटनाक्रम को बड़े विवाद के रूप में प्रस्तुत करने का खेल हुआ। जानकार बताते है कि नगरीय निकाय के प्रथम नागरिक को विचलित करने के लिए और अपनी शरण में लाने के लिए हर तरह का फार्मूला आजमाया जा रहा है। अब सवाल यह है कि झंडी-मुृंडी के इस खेल को उनके संरक्षण देने वाले उनके राजनैतिक आंका समझ पा रहे है या नहीं? जानकारों का कहना है कि अध्यक्ष को अब इनसे सतर्क रहना चाहिए कि और देखना चाहिए कि खबरें कैसे और कहां-कहां प्लांट होती है। अपने आर्थिक निहित स्वार्थ के लिए कैशियर वाले विवाद को हवा देने का नतीजा यह रहा कि हाल ही एक उपचुनाव में जिसकी कमान झंडी-मुंडी को दी गई थी वहां उनकी पार्टी जीता हुआ चुनाव हार गई।

- शैक्षणिक संस्था में भी वन मेन शो है मुंडी..!
झंडी-मुुंडी के कार्यक्षेत्र से लगे हुए एक बड़ी पंचायत में जो कि मुलताई विधानसभा का हिस्सा है? वहां के एक शैक्षणिक संस्था में बाकी पार्टनर को टाटा-बाय-बाय कर रेत बेचने वाली मुंडी वन मेन शो हो गई है!
नवल वर्मा हेडलाईन बैतूल 19 सितम्बर 2024