नई दिल्ली । एनसीपी  प्रमुख शरद पवार ने कहा है कि विपक्षी दलों को भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पहले कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर सहमति बनाने के लिए काम करना चाहिए। शरद पवार ने कहा कि बीजेपी को ज्यादातर उन राज्यों में खारिज कर दिया गया है जहां वह शासन कर रही थी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने सत्ता में आने के लिए जनता द्वारा चुनी हुई सरकारों को गिराया है। 
शरद पवार ने आगे कहा कि यदि लोगों ने राज्य स्तर पर भाजपा को खारिज कर दिया है, तो उनका (नागरिकों का) नजरिया राष्ट्रीय स्तर पर अलग नहीं होगा। ऐसे में सभी विपक्षी दलों को इस पर काम करने की जरूरत है। बता दें कि शरद पवार ने 23 जून को बिहार के पटना में में होने वाली विपक्षी दलों की बैठक में शामिल होंगे। इस दौरान भी वह सभी दलों के सामने अपनी बात रखेंगे। शरद पवार ने कहा कि सभी गैर-भाजपा दलों को एक साथ बैठने और न्यूनतम साझा कार्यक्रम के आधार पर विपक्षी एकता बनाने के बारे में सोचने की जरूरत है। 
उन्होंने कहा कि भाजपा ने बड़े-बड़े आश्वासन दिए, लोगों की अपेक्षाएं बढ़ाईं, लेकिन कुछ नहीं किया। अब यह एक विकल्प प्रदान करने का समय है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री के। चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के महाराष्ट्र में पैठ बनाने की बात करने पर पवार ने कहा कि कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन को 2019 के चुनावों में प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) की मौजूदगी के कारण हार का सामना करना पड़ा था। भले ही सभी दलों को किसी भी राज्य में अपना जनाधार बढ़ाने का अधिकार है, लेकिन यह देखना होगा कि क्या बीआरएस (भाजपा की) एक बी टीम है। 
बता दें कि राव ने गुरुवार को नागपुर में पार्टी का एक कार्यालय खोला था और कहा था कि बीआरएस महाराष्ट्र में अपने आधार का विस्तार करेगी ताकि आगामी चुनाव अपने दम पर लड़ सकें। समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के बारे में पूछे जाने पर, पवार ने कहा कि जाति और धर्म से ऊपर उठकर सभी नागरिकों के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की आवश्यकता है लेकिन यह जानने की जरूरत है कि क्या यूसीसी एक विशेष समुदाय को लेकर लक्षित है और तब हम (उस पर) बोल सकते हैं।