भोपाल । मध्यप्रदेश के कई शहरों में हवा सांस लेने लायक नहीं बची है। वाहनों और फैक्ट्रियों से निकलता धुआं स्मॉग हवा को जहरीला बना रहा है। सबसे ज्यादा खराब हालत ग्वालियर, भोपाल और सिंगरौली की है। यहां वायु प्रदूषण मापने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स खतरे के निशान 300 के पार तक चला गया। इससे दमा और दिल संबंधी बीमारी वालों को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।
गौरतलब है कि शहरों में एयर पॉल्यूशन की जांच के लिए दो तरह से सिस्टम काम करते हैं। पहला ऑटोमैटिक सिस्टम होता है। यह सेंट्रल गवर्मेंट ऑपरेट करती है। यह शहर में ऐसी जगह लगाया जाता है, जहां सभी तरह की एक्टिविटी यानी रहवासी, व्यापारिक और अन्य तरह की एक्टिविटी ज्यादा होती हैं। यह हर सेकंड अपडेट होता है। यह कम्प्यूटराज्ड होता है। राज्य सरकार का प्रदूषण विभाग भी वायु प्रदूषण की जांच करता है। यह शहर में कई जगह हवा में प्रदूषण की जांच के लिए मशीनरी लगाते हैं। इसे मैन्युअली ऑपरेट किया जाता है। एक व्यक्ति दिन में एक बार इसकी जांच करता है।
प्रदेश में पिछले 10 दिन से लगातार पॉल्यूशन का लेवल बढ़ रहा है। अधिकांश शहरों में कुछ दिन को छोड़ दें, तो यह शुक्रवार की तरह ही खतरे के निशान के आसपास रहा। अभी तक सबसे ज्यादा खराब हालत रात 1 बजे के बाद सुबह 5 बजे तक थी, लेकिन अब दोपहर तक भी प्रदूषण का लेवल ज्यादा रह रहा है। ग्वालियर और भोपाल में दिन में एक बार हवा में प्रदूषण का स्तर 325 के पार पहुंच गया। सिंगरौली में भी एक्यूआई 300 के पार चला गया। रात 2 बजे के बाद प्रदेश भर में प्रदूषण का लेवल सबसे ज्यादा रहा। भोपाल, ग्वालियर जैसे शहरों में यह 400 के पार चला गया। इंदौर, उज्जैन और जबलपुर में भी यह 150 के पार तक चला गया।