अहमदाबाद | गुजरात चुनाव से पहले भाजपा के दिग्गज नेता और राज्य के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री जयनारायण व्यास की राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हुई बैठक को लेकर उनके कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं| हांलाकि जयनारायण व्यास ने स्पष्ट किया है कि वे नर्मदा पर एक पुस्तक लिख रहे हैं और इसी संदर्भ में अशोक गहलोत के साथ बैठक की थी| गहलोत के साथ बैठक में किसी प्रकार की राजनीतिक चर्चा नहीं हुई| गौरतलब है गुजरात चुनाव से पहले एक पार्टी को छोड़ दूसरे में शामिल होने का सिलसिला लगातार जारी है| हाल ही में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री शंकरसिंह वाघेला के बेटे महेन्द्रसिंह वाघेला कांग्रेस में शामिल हुए हैं| 2012 से 2017 तक कांग्रेस के विधायक रहे महेन्द्रसिंह वाघेला ने 2017 में कांग्रेस छोड़ दी थी और भाजपा में शामिल हो गए थे| लेकिन कुछ समय बाद ही उन्होंने भाजपा से भी इस्तीफा दे दिया था| गुजरात के आगामी चुनाव को लेकर भाजपा, कांग्रेस और आप पूरे दमखम के साथ मैदान में हैं| इन सबके बीच कोई कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो रहा है तो कोई भाजपा छोड़ कांग्रेस जॉइन कर रहा है| ऐसे में भाजपा के दिग्गज नेता जयनारायण व्यास की अशोक गहलोत से मुलाकात को लेकर सियासी पारा गरमाना ही था| हांलाकि जयनारायण व्यास ने स्पष्ट कर दिया है कि उन्होंने अशोक गहलोत के साथ राजनीतिक चर्चा नहीं की| यह मुलाकात एक पुस्तक को लेकर थी| मैं नर्मदा पर एक किताब लिख रहा हूं, जिसमें अलग अलग मुद्दे जोड़ना चाहता हूं| हम नर्मदा का पानी ज्यादा से ज्यादा किसानों को पहुंचा सकते हैं जो राजस्थान कर रहा है| इस पुस्तक में राजस्थान मॉडल का उल्लेख करना चाहता हूं और इसीलिए मैंने अशोक गहलोत के साथ मुलाकात की थी| भाजपा नेता व्यास ने कहा कि उन्होंने पाटण जिले के सिद्धपुर से टिकट मांगी है और इस पर पहला अधिकार मेरा ही है| अगर भाजपा मुझे सिद्धपुर से टिकट नहीं देती है तो अपने समर्थकों से विचार विमर्श कर आगे फैसला करूंगा| लेकिन एक बात स्पष्ट हैं कि मैं सिद्धपुर को छोड़ और कहीं से भी चुनाव नहीं लड़ूंगा|